अलग एकत्र करना होगा ई-कचरा, ई-वेस्ट मैनेजमेंट नियम प्रभावी

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh )में एक अप्रैल से ई-वेस्ट मैनेजमेंट नियम ( E Waste mangement rules )प्रभावी हो जाएंगे। इन नियमों को भारत सरकार ( Govt of India )के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ( Ministry of Forest and climate Change )ने नवंबर 2022 में अधिसूचित किया है। इन नियमों के तहत ई-वेस्ट यानि इलेक्ट्रिॉनिक (electronic)चीज़ो के कचरे का निष्पादन अलग तरीके से किया जाएगा।

पंचायतों एवं नगर निकायों को इस कचरे के निष्पादन के लिए कलेक्शन सेंटर स्थापित करने होंगे। राज्य सरकार ने इसके निष्पादन के लिए प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों को सूचित कर दिया है। इलेक्ट्रिक कचरे का बड़े स्तर पर उत्पादन करने वाले उपभोक्ता, जिनमें सरकारी दफ्तर, बैंक समेत कई बड़ी एजेंसियां शामिल है। उनके लिए इन नियमो में जरूरी किया गया है कि वह ई-कचरे को रिसाइकिल व कलेक्ट करने वाली पंजीकृत एंजेसी को प्रदान करे। इसके तहत ई-कचरे के संग्रहण और री-साइक्लिंग की जिम्मेदारी री-साइक्लर की होगी। इसके बदले उन्हें ई- कचरे से निकलने वाली कीमती धातुएं मिलेगी।

साथ ही वह जितना ई- कचरा री-साइकल करेंगे, उतनी मात्रा का सर्टिफिकेट ब्रांड उत्पादकों को बेच सकेंगे। गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में हर साल करीब 11 लाख टन ई-कचरा पैदा हो रहा है, उसमें से सिर्फ दस फीसद हिस्से का ही संग्रहण और री-साइक्लिंग हो पाता है। यह स्थित तब है जब देश में साढ़े चार सौ से ज्यादा री-साइक्लर है, जिनकी री-साइक्लिंग की क्षमता सालाना 14 लाख टन है। हिमाचल प्रदेश में कितना इलेक्ट्रिक कचरा हर साल निकलता है। इसका अभी तक कोई रिकार्ड नहीं है। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर इसका रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। इस वर्ष के अंत तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ई-वेस्ट का सारा रिकार्ड तैयार कर लेगा।

नियमों का पालन नहीं किया तो कार्रवाई
अगर कोई भी एजेंसी ई-वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का पालन नहीं करती हैं, तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से उस पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चैयरमैन संजय गुप्ता ने बताया कि नियमों का उलंघ्घन करने वाले के खिलाफ एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस स्थिति में संबंधित एंजेसी का वर्किंग प्रोसेस भी रोका जा सकता है। इसके अलावा उसका बिजली पानी का कनेक्शन भी काटा जा सकता है।

ई-कचरे में यह चीज़े हैं शामिल
ई-कचरे में बेकार हो चुकी इलेक्ट्रिॉनिक चीज़े शामिल है। इनमें खराब हो चुकी या लाइफ पूरी कर चुकी इलेक्ट्रिॉनिक चीज़े शामिल है। इलेक्ट्रिक कचरें में मुख्य रूप से बिजली और बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टीवी, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर समेत तमाम चीजें आती हैं।


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