संयुक्त कर्मचारी महासंघ: यूनिफार्म राइडर लगाए सरकार, नहीं तो जाएंगे कोर्ट

हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने सरकार से जल्द नए पे कमीशन में आ रही विसंगतियों को दूर करने की मांग उठाई है। महांसघ का दावा है कि अगर सरकार जल्द इन विसंगतियों को दूर नहीं करती है तो कर्मचारी सरकार खिलाफ संघर्ष तेज करेंगे। शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि सरकार सभी कर्मचारियों के 2.59 का यूनिफार्म राइडर लागू करे। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो फिर महासंघ कोर्ट में सरकार को चुनौती देने के लिए तैयार है।


महासंघ के नेताओं ने आरोप लगाया है कि अभी तक सरकार ने जो कमेटी गठित की है उस कमेटी की ना तो कोई बैठक हुई है और ना ही उसमें कोई आगामी कार्रवाई हो पाई है जिससे जो हमारी मांगे है , जिसमें 2 साल के राइडर को खत्म करना और इनिशियल स्टार्ट की बहाली करना ,जो कि 27 सितंबर 2012 की अधिसूचना के कारण वेतन संशोधन के दौरान लगाई गई थी जो कि पंजाब से हटकर थी, उसे हटाने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।

साथ ही साथ 4-9-14 टाइम स्केल जिसको लेकर महासंघ मांग कर रहा था कि इस संदर्भ में दिनांक 26-2- 2013, 7-7- 2014 और 9-9 – 2014 की अधिसूचना को समाप्त कर 2009 की अधिसूचना के अनुसार 4-9-14 की बहाली कर सभी कर्मचारियों को उसका लाभ दे देकर वर्तमान फिक्सेशन में उसकी गणना कर उसका लाभ देने की मांग की गई है। इस जिस पर वित्त विभाग की तरफ से अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है,

साथ ही महासंघ ने पिछले कल एसीएस फाइनेंस प्रबोध सक्सेना को अपनी मांगों के संदर्भ में एक अतिरिक्त ज्ञापन भी सौंपा जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2015 के मूल वेतन पर ही फैक्टर लगाया जाए और जिस तरह से 2.59 फैक्टर को लेने वाले कर्मचारियों के लिए दोबारा से 1-1 -2012 से नोशनल फिक्सेशन कर उनके मूल वेतन को 31- 12 -2015 की स्थिति में वास्तविक मूल वेतन से कम करके उस पर फैक्टर लगाया गया है क्योंकि कर्मचारियों ने 1-10- 2012 की तिथि से जो बढ़ा हुआ ग्रेड पे लिया था उसको नहीं माना गया है और उसकी वजह से कर्मचारियों के 4-9-14 टाइम स्केल का एक लाभ भी खत्म हुआ है

इस संदर्भ में महासंघ ने अपने मांग पत्र के माध्यम से मांग की है कि सभी कर्मचारियों को 31 -12- 2015 की स्थिति में 2.59 का फैक्टर लगना एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिस तरह से कर्मचारियों को पीछे किया जा रहा है और उनको नुकसान हो रहा है उसके खिलाफ महासंघ पहले से ही सरकार के खिलाफ आंदोलनरत है और संघर्ष के माध्यम से इसे ठीक करने का प्रयास करेगा उसके बाद भी यदि सरकार नही मानती है तो न्यायालय के माध्यम से भी एस लडाई को लड़ेगा, जिससे लाखों कर्मचारियों को नुकसान की भरपाई की जा सके। संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने अपने संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए 27 मार्च को सिरमौर जिले के नहान में विरोध रैली का आयोजन किया है महासंघ ने कर्मचारियों को डरने की बजाय अपनी मांगों को मनवाने के लिए आगे आने का भी आह्वान किया।

एनपीएस पर की एफआईआर करें निरस्त
संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार एनपीएस कर्मचारियों के खिलाफ की गई एफआईआर को निरस्त करें। एफआईआर और अन्य सभी प्रकार के शो कॉज नोटिस और जांच को समाप्त कर एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने का काम करें, जिससे प्रदेश के सभी कर्मचारी प्रदेश के विकास में अपना शत प्रतिशत योगदान दे सके और हिमाचल को बुलंदियों तक पहुंचाने में हम कामयाब हो सके यही एक अच्छे और लोकप्रिय मुख्यमंत्री की पहचान भी होती है और उस दिशा में हमें आगे बढऩे की आवश्यकता है।

शिक्षक संगठनों के डीओ नोट पर तबादले
संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने आरोप लगाया है कि उच्च शिक्षा निदेशक नियमों के खिलाफ काम कर रहे हैं। महासंघ का दावा है कि शिक्षक संगठनों के डीओ नोट पर उच्च शिक्षा निदेशक ने हजारों के शिक्षकों के तबादले कोविड काल में करवाए हैं। जबिक सरकार की ओर से कोविड काल में शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगाई गई थी। महांसघ का आरोप है कि उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से तबादलों की फाइल न तो शिक्षा मंत्री को भेजी गई और न हीं मुख्यमंत्री को भेजी गई। तबादलों पर रोक के बावजूद शिक्षक संगठनों के डीओ नोट पर हजारों शिक्षकों के तबादलने किए गए।

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