शिक्षा के मुद्दे पर सदन में घिरी सरकार

कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने सदन में मांग उठाई कि शिक्षक नियुक्ति के बाद शुरूआत के तीन साल टाईबल व हार्ड एरिया में लगाए। इसके लिए सरकार पॉलिसी बनाए। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई पॉलिसी न होने के कारण ट्राइबल एरिया के स्कूलों में पद खाली रह रहे हैं, जिसके कारण इन क्षेत्रों के छात्रों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने शिक्षा मंत्री से पूछा कि क्या सरकार ने ऐसे भवनों की मैपिंग की है जहां भूमि है लेकिन भवन नहीं बना है। या बना है तो वह खाली पड़ा है। उन्होंने एचपीयू की भर्तियों में धांधली का आरोप लगाया।

आशा कुमारी ने सदन में शिक्षा विषय पर कटौती प्रस्ताव लाया था। कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश का शिक्षा विभाग बीमार हो चुका है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर गिर गया है। तीसरी और चौथी में पढऩे वाले छात्रों को पहली कक्षा का सिलेबस भी नहीं आता है। शिक्षा विभाग में शिक्षकों के पद खाली है। इन खाली पदों को भरने के लिए सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

“सिरमौर जिला में 131 प्रिंसिपलों के पदों में 65 ही पद भरे हुए हैं”

इसी प्रस्ताव पर बोलते हुए शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि ने भी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की भर्तियों में धांधली पर सरकार को घेरा। साथ ही यह भी पूछा कि अब तक कितने अटल आदर्श विद्यालय सरकार बना चुकी है? उनके चुनाव क्षेत्र में सीनियर सेकेंडरी स्कूल बांदली को यह दर्जा दिया गया था, लेकिन आज तक कोई काम शुरू नहीं हुआ। सारक्षरता के दर में हिमाचल देश में भले ही दूसरें नंबर पर हैं, लेकिन हिमाचल का शिक्षा का स्तर हर साल गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला में 131 प्रिंसिपलों के पदों में 65 ही पद भरे हुए हैं, बाकि पद खाली हैं। ऐसे में शिक्षा का स्तर कैसे उठेगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि शिलाई कॉलेज में साइंस स्ट्रीम का एक भी प्रोफेसर नहीं हैं।

इसके अलावा रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक नंदलाल ने भी इस प्रस्ताव पर चल रही चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर ऊंचा होना चाहिए। प्रदेश में स्कूली भवनों हालत बेहद खस्ता है। इन भवनों में सुधार होना चााहिए। स्कूलों में सरकार की ओर से शौचालय तो बना दिए हैं, लेकिन इनकी साफ सफाई का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। सरकार को एक सर्वे कंडक्ट करना चाहिए कि प्रदेश के स्कूलों में बने शौचालय की हालत क्या है और उनकी साफ सफाई के लिए उचित प्रावधान करने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि काशापाट स्कूल में कैमिस्ट्री, अंग्रेजी , संस्कृत और फिजिक्स का कोई शिक्षक नहीं है।

“शिक्षक ही ठेकेदार बने हुए हैं”

वहीं बड़सर विधानसभा क्षेत्र के विधायक आईडी लखनपाल ने कहा कि सरकार की ओर 2 कमरों के निर्माण के लिए 3 लाख रुपए जारी किए जा रहे हैं। 3 लाख रुपए से 3 कमरों का निर्माण नहीं हो सकता है। उन्होनें यह भी आरोप लगाया कि इस मामलें में व्यापक भ्रष्टाचार है। शिक्षक ही ठेकेदार बने हुए हैं। पढ़ाने की बजाए व ठेकेदारी में व्यस्त हैं। इसके अलावा मिड डे मील के लिए भी अलग से स्टाफ रखने की जरूरत है। सरकारी शिक्षक मिड डे मील की खरीददारी व हिसाब किताब करने में व्यस्त हैं। वह कब छात्रों को पढ़ाएंगे।

वहीं माकपा विधायक राकेश सिंघा ने स्कूलों में खाली पड़े पदों व जर्जर हालात के स्कूली भवनों को ठीक करने की बात कही है। उन्होंने ठियोग कुमारसैन विधानसभा क्षेत्र के क्यारा स्कूल, बढ़ावा, किंगल, व वीरगढ़ स्कूलों की हालत की बात की। इनमें कई स्कूलों में जहां भवनों की हालत खस्ता हैं तो वहीं वीरगढ़ स्कूल में स्टाफ ही नहीं है। ऐसे में छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी, संजय अवस्थी और माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी अपनी बात रखी।

टिप्पल आई पर बिठाओं जांच: मुकेश

नेता प्रतिपक्ष मुकेश ने ऊना के सलोह में बन रही ट्रिप्पल आईटी पर जांच बिठाने की मांग उठाई। उन्होने कहा इस संस्थान का अपना आलीशान भवन 1.35 करोड़ रुपए से बन रहा है। इसके बावजूद इसके निदेशक ने 9 लाख रुपए में निजी भवन को किराए पर लिया। भवन किराए पर लेने के बाद उसकी रिपेयर करवाई गई। वहीं रोहतक में भी 8 लाख रुपए से एक भवन खरीदा गया। उन्होंने आरोप लगाया है इस संस्थान में व्यापक भ्रष्टाचार हो रहा है। हिमाचल के लोगों इस संस्थान के आसपास भी भटनके नहीं दिया जा रहा हैं, जबिक हिमाचल के लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी।

Total
0
Shares
Related Posts
Total
0
Share