हमीरपुर-मंडी और पांवटा साहिब-गुम्मा ग्रीन नेशनल हाईवे पर लगेंगी सोलर लाइटें, आठ चरणों में होगा दोनों हाईवे का निर्माण
हिमाचल में प्रस्तावित दोनों ग्रीन नेशनल हाईवे जापानी तकनीक से तैयार होंगे। इन हाईवे के निर्माण 2274.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पांवटा-साहिब गुम्मा फेडिज खंड नेशनल हाईवे 707 और हमीरपुर से मंडी नेशनल हाईवे-70 को विश्व बैंक से मंजूरी मिल गई है। ग्रीन नेशनल कॉरिडोर परियोजना के तहत यह मंजूरी मिली है। इस समूचे मार्ग पर सोलर लाइट की व्यवस्था होगी।
नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने दोनों ग्रीन नेशनल हाईवे का काम शुरू कर दिया है। इनमें से एक नेशनल हाईवे की टेंडर प्रक्रिया भी हो चुकी है। नेशनल हाईवे के निर्माण से यात्री सुकूनदायक सफर का लुत्फ उठा पाएंगे। पांवटा साहिब-गुम्मा ग्रीन नेशनल हाईवे की बात करें तो 103.55 किलोमीटर लंबा यह नेशनल हाईवे होगा। इसका निर्माण पांच चरणों में पूरा किया जाएगा। इसमें से पहले चार चरणों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इनमें पहले चरण में पांवटा साहिब से हेवना तक करीब 25 किलोमीटर निर्माण होना है।
इस निर्माण का सात फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है। हेवना से अशयरी और अशयरी से श्री कयारी तक 25-25 किलोमीटर के दो पैच का निर्माण कार्य चल रहा है। इनका अभी तक 10-10 फीसदी निर्माण ही पूरा हो पाया है। जबकि श्री कयारी से गुम्मा तक 19.90 किलोमीटर हिस्से का 30 फीसदी निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। जबकि गुम्मा से फेडिज तक मार्ग के आखिरी हिस्से में 8.65 किलोमीटर का निर्माण प्रस्तावित है। लेकिन इस हिस्से का अभी तक टेंडर नहीं हुआ है।
इस पूरे निर्माण पर 1336.63 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हमीरपुर से मंडी तक दूसरे ग्रीन नेशनल हाईवे को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। 109.59 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर 937.87 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस हाईवे का निर्माण फिलहाल शुरू नहीं हुआ है। विधानसभा में भी ग्रीन नेशनल हाईवे का मामला उठ चुका है।
इस संबंध में जुब्बल-कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर ने ग्रीन नेशनल हाईवे बनाने और उसकी तकनीक को लेकर विधानसभा में सवाल उठाया है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से ग्रीन नेशनल हाईवे को लेकर तमाम जानकारी साझा की गई है