हिमाचल में होगी प्राकृतिक खेती की पढ़ाई


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्राकृतिक खेती पर अनुसंधान एवं इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए हिमाचल सरकार ने इसे विषय के रुप में शुरू करने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश में जल्दी ही प्राकृतिक खेती विषय को शुरू किया जाएगा। मंगलवार को राज्य सचिवालय में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य कार्यबल की 5वीं बैठक में मुख्य सचिव राम सुभाग ने प्रदेश के दोनों कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों को स्नातक और स्नातकोतर कक्षाओं में प्राकृतिक खेती को विषय के रूप में जल्द शुरू करने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाने के लिए कृषि विभाग और बागवानी विभाग को मिलकर काम करना होगा। प्राकृतिक खेती कर रहे किसान-बागवानों के उत्पादों को बाजार मुहैया करवाने के लिए मार्केटिंग की जल्द व्यवस्था करने के लिए भी उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया।

प्राकृतिक खेती पर राज्य कार्यबल की बैठक


बैठक के दौरान प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो राजेश्वर सिंह चंदेल ने प्राकृतिक खेती की गतिविधियों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती विधि को किसानों तक पहुंचाने के लिए पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर काम किया जा रहा है और अभी तक पंचायती राज विभाग की 502 कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया है। अब ये कृषि सखियां अपने-अपने गांव में प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता फैलाएंगी।  

कृषि सचिव और प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने जानकारी दी कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत शिमला जिला में प्राकृतिक खेती उत्पाद विक्रय केंद्र खोला जाएगा। उन्होंने ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को शुरू हुए चार साल का समय हो चुका है और अब इंपेक्ट असेसमेंट का काम शुरू किया गया है। बैठक के दौरान राकेश कंवर ने भविष्य की कार्ययोजना के बारे में अवगत करवाया। राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर और कार्यकारी निदेशक प्रो राजेश्वर सिंह चंदेल ने केंद्रीय बजट में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा का भी स्वागत किया।

इस बैठक में सचिव पशुपालन अजय कुमार शर्मा, बागवानी सचिव अमिताभ अवस्थी, मार्केटिंग बोर्ड के एमडी नरेश ठाकुर, बागवानी निदेशक सुदेश कुमार मोक्टा, कृषि सचिव डॉ. एनके धीमान, पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के डायरेक्टर रिसर्च एसपी दीक्षित, हिमफेड के एमडी जीएस नेगी और प्रधान वैज्ञानिक रामेश्वर कुमार मौजूद रहे।

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