गुरुकुल पद्धति पर आधारित होगा स्टेट ऑफ द आर्ट नशा मुक्ति केंद्र: मुख्यमंत्री

हिमाचल सरकार नश की गिरफ्त में आ चुके युवाओं के लिए नशा मुक्ति एवं पुनर्वास नीति तैयार करेने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस नीति के प्रारूप प्रस्ताव पर आयोजित बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। वहीं नश की लत से युवाओं को बाहर निकालने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (NIMHANS) के सहयोग से एक स्टेट ऑफ द आर्ट नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए लगभग 50 बीघा भूमि का चयन करने के लिए उन्होंने सम्बन्धित विभागों को उचित निर्देश भी दिए।

उन्होंने कहा कि यह नशा मुक्ति केन्द्र एक समग्र सोच के साथ गुरुकुल पद्धति पर आधारित होंगे। जहां पर नशे की गिरफ्त में आये व्यक्तियों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए कार्य किया जाएगा। सीथ ही एक सादे जीवन एवं सामुदायिक सहयोग के लिए उन्हें प्रेरित किया जाएगा। इस केंद्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशा मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे व्यक्तियों की मदद कर उन्हें व्यापक एवं बेहतर उपचार उपलब्ध करवाना है।

जानें क्या है नशाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की प्रस्तावित नीति

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए दीर्घावधि के लिए योजना बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए प्रस्तावित नीति के प्रथम चरण में नशा मुक्ति के लिए पुलिस व स्वास्थ्य विभाग तथा सलाहकार बोर्ड की मदद ली जाएगी। द्वितीय चरण में इनके पुनर्वास के लिए स्वास्थ्य, युवा सेवाएं एवं खेल, शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, कृषि और बागवानी विभाग के समन्वय से कार्य किया जाएगा।

तृतीय चरण में समाज में इनके पुनः संयोजन के लिए शिक्षा, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास तथा सहकारी बैंकों एवं समितियों का सहयोग लिया जाएगा। चौथे चरण में निगरानी एवं मूल्यांकन के लिए पुलिस, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास एवं स्थानीय निकायों का सहयोग लिया जाएगा। बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल ने प्रस्तावित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास नीति पर एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।

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