प्रदेश सरकार हिमाचल के हस्तशिल्प तथा हथकरघा उत्पादों को एक नए ब्रांड के रूप में वैश्विक बाजार तक पहचान दिलाना चाहती है। सरकार ‘हिम-क्राफ्ट’ को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए विपणन रणनीति विकसित करने पर विचार कर रही है। जिससे प्रदेश और प्रदेश के कारीगरों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आधुनिक बाजार में ब्रांडिंग तथा विपणन बेहद आवश्यक हैं। इसी के मद्देनज़र प्रदेश के कारीगरों, बुनकरों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पादों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ‘हिम-क्राफ्ट’ ब्रांड सहायक सिद्ध होगा। वहीं इन उत्पादों के प्रति उपभोक्ताओं की मांग भी बढ़ेगी। इसके प्रचार के लिए भी व्यापक रणनीति बनाई गई है।
हिम-क्राफ्ट’ द्वारा जी-20 सम्मेलन के प्रतिनिधियों को उपहारस्वरूप प्रदान करने के लिए तैयार किए गए उत्पादों की खूब सराहना की गई। राज्य में बुनाई, कढ़ाई, लकड़ी पर नक्काशी, धातु के कार्य, मिट्टी के बर्तन आदि की समृद्ध परंपरा पीढ़ियों से चले आ रहे हैं।
हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए तैयार होगी विपणन रणनीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार एक विपणन रणनीति विकसित करने की योजना बना रही है। नए ब्रांड नाम की एक वेबसाइट होगी जिसके माध्यम से उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया में उपस्थिति बढ़ाने सहित विज्ञापन अभियान संचालित किए जाएंगे।
हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों सहित समाज के विभिन्न वर्गों ने ‘हिम-क्राफ्ट’ ब्रांड नाम का स्वागत किया है तथा उम्मीद जताई कि इससे निगम की उत्पादकता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।