कोविड काल में एचआरटीसी ने बंद किए 1303 रूट

हिमाचल पथ परिवहन यानि एचआरटीसी पर कोविड काल काफी मंहगा पड़ा है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री द्वारा विधानसभा में रखी गई प्रशासनिक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के दौर ने एचआरटीसी के कामकाज को बुरी तरह से प्रभावित किया है।

कोरोना से पहले एचआरटीसी प्रदेश भर में 2930 रूटों पर बसों का संचालन करता था। जबकि कोरोना के बाद एचआरटीसी ने वर्ष 2020-21 में सिर्फ 1657 रूटों पर ही बस सेवाओं को दोबारा से बहाल किया है।

जबिक 1303 रूटों पर बस सेवा बंद हो गई। इनमें से ज्यादात्तर रूटों पर अभी तक भी बस सेवा शुरू नहीं हो है। कोरोना काल के बाद से ही एचआरटीसी की वित्तीय हालत भी काफी ज्यादा खराब हैं, जिसके कारण एचआरटीसी इन रूटों पर दोबारा से बस सेवा को बहाल नहीं कर पा रहा है।

इसके अलावा एचआरटीसी को कर्मचारियों के वित्तीय लाभों का भुगतान करना भी बाकी है। समय पर कर्मचारियोंको वेतन नहीं मिल रहा है। इसके अलावा पैंशन भी समय पर पेंशन न मिलने से परेशान हैं। कंडक्टरों व ड्राईवरों को नाइटओवर टाइम का भुगतान भी नहीं हो पाया है।

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 202-21 तक एचआरटीसी में कुल 9666 कर्मचारी है। इनमें से 7907 कर्मचारी नियमित आधार पर नियुक्ति हैं, जबिक 1759 कर्मचारी अनुबंध आधार पर कार्यकर रहे हैं, हालांकि अब एचआरटीसी में कर्मचारियों की संख्या में 2020-21 के मुकाबले में इजाफा हो गया है। क्योंकि पिछले 2 वर्षो में एचआरटीसी में नए ड्राईवरों एवं कंडक्टरों की नियुक्ति भी की गई है।

एक बस के पीछे 6 कर्मचारी

प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार एचआरटीसी में एक बस के पीछे करीब 6 कर्मचारी तैनात हैं। इनमें ड्राईवर कंडक्टर के अलावा इंस्पेक्र, वर्कशॉप कर्मी, स्टोर कर्मी, और प्रशासनिक कर्मचारी भी शामिल है। वहीं एचआरटीसी की बेड़े में वर्तमान में 3086 डीजल बसें शामिल है।

जबिक 75 इलेक्ट्रिक बसें शामिल है। एचआरटीसी की वार्षिक कवरेज 6.86 करोड़ किलोमीटर है। एचआरटीसी में 4 यूनिट और 27 डिपो है। एचआरटीसी की बसों की एवरेज 3.56 किलोमीटर प्रति घंटा है।

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