HRTC कंडक्टरों की वेतन विसंगति दूर करे सरकार, कंडक्टर यूनियन ने प्रबंधन से उठाई मांग

पिछली सरकार में वेतन विसंगति दूर करने के लिए किया था संघर्ष

HRTC कंडक्टर यूनियन ने प्रदेश सरकार व एचआरटीसी प्रंबधन से कंडक्टरों की वेतन विसंगति को दूर करने के लिए जल्द कोई कदम उठाने की मांग उठाई है। कंडक्टर यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि बीते दिनों कंडक्टर यूनियन का प्रतिनिधिमंडल वेतन विसंगति के मसले को लेकर डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री से भी मिला था।

इस दौरान उन्होंने आवश्वासन दिया था कि उनकी वेतन विसंगति का मामला सरकार के ध्यान में हैं। सरकार की ओर से जल्द ही उनकी वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा।

एचआरटीसी कंडक्टरों की वेतन विसंगति का मसला पिछली सरकार में भी कंडक्टरों ने काफी जोर शोर के साथ उठाया था, लेकिन पूर्व सरकार के ढीले रवैये के कारण वेतन विसंगति दूर नहीं हो पाई।

ऐसे में अब एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की कांग्रेस की सरकार से काफी उम्मीद है कि उनकी वेतन विसंगति जरूर दूर होगी।

नया वेतन आयोग के लागू होने घटा कंडक्टरों का वेतन

गौरतलब है कि नए वेतन आयोग के लागू होने से कंडक्टरों का वेतन बढऩे के बजाय घट रहा है। पहले कंडक्टरों को जहां 2400 रुपए ग्रेड-पे दिया जाता था, तो वहीं नए वेतन आयोग के लागू होने से इन्हें सिर्फ 1900 का ही ग्रेड-पे मिल रहा है।

एचआरटीसी कंडक्टरों को 1996 तक सात श्रेणियों को एक समान वेतन मिलता था। इनमें पटवारी, क्लर्क, फोरेस्ट गार्ड, कंडक्टर व अन्य श्रेणियां थी, लेकिन 2006 के बाद कंडक्टरों को इस श्रेणी से हटा दिया गया है।

कंडक्टर यूनियन ने मांग उठाई है कि कंडक्टरों को 2006 से पहले की तरह इन सभी श्रेणियों के बराबर ग्रेड-पे दिया जाए। साथ ही पहले की तर्ज पर परिचालक वर्ग को लिपिक वर्ग के समान वेतन दिया जाए, संघ पदाधिकारियों ने प्रबंधन व सरकार से दो दिनों में वेतन विसंगतियों को ठीक करने की मांग की है।

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