कर्मचारी बताएंगे कैसे कम हो HRTC का घाटा

हिमाचल पथ परिवहन निगम को घाटे से बाहर निकालने के लिए सभी कर्मचारी यूनियन सरकार को अपने सुझाव सौंपेगी। दरअसल एचआरटीसी यूनियन की मुकेश अग्रिहोत्री के साथ बैठक में कर्मचारी यूनियन से सुझाव देने का कहा था। ऐसे में अब एचआरटीसी की सभी यूनियनों ने एचआरटीसी के घाटे के कारणों का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण कर सुझाव तैयार किए है।

हिमाचल परिवहन मजदूर संघ पहले ही सरकार को अपने सुझाव सौंप चुकी है। कडंक्टर यूनियन 31 मई से पहले सरकार को रिपोर्ट सौंप देगी। वहीं ड्राईवर यूनियन के सुझाव भी तैयार है। उनका कहना है कि एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की ओर से ऐसे रूटों की सूची तैयार की जा रही है। 31 मई से पहले इस पर वर्कआउट कर सारी डिटेल सरकार को सौप दी जाएगी।

HRTC में भी हो ट्रांसफर पॉलिसी

हिमाचल परिहवन मजदूर संघ के प्रदेश महांमत्री हरीश कुमार पराशर का कहना है कि एचआरटीसी में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है। एचआरटीसी में कई कर्मचारी एक ही स्टेशन पर काफी समय से लगेे हुए हैं। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि अगर एचआरटीसी का घाटा कम करना हैं तो फिर अन्य विभाग व निगमों की भांति एचआरटीसी के लिए भी ट्रांसफर पॉलिसी तैयार की जाए, ताकि भ्रष्टाचार को रोका जा सके।

1355 करोड़ के घाटे में है HRTC

हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम फिलहाल 1355 करोड़ रुपए के घाटे हैं। एचआरटीसी की मासिक आय 60 करोड़ रुपए हैं। जबिक मासिक खर्च 144 करोड़ रुपए है। कर्मचारियों की सैलरी व वेतन पर एचआरटीसी को 69 करोड़ रुपए का खर्च आता हैं। इसके लिए हर महीने सरकार से करोड़ों रुपए की अतिरिक्त राशि लेनी पड़ती हैं। इसके अलावा कर्मचारियों की कई वित्तीय देनदारियां बाकी हैं।

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