एचआरटीसी पैंशनर्स ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, सचिवालय का घेराव

एचआरटीसी पैंशनर्स बुधवार को फिर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हे। प्रदेशभर के एचआरटीसी पैंशनर्स शिमला में एकत्र हुए और सचिवालय का घेराव का घेराव किया। सुबह करीब 11 बजे से शिमला के टॉललैंड चौक से इनका मार्च शुरू हुआ। यह मार्च सचिवालय तक चला। सचिवालय के बाहर एचआरटीसी पैंशनर्स की ओर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। एचआरटीसी पैंशनर्स पिछले काफी समय से लंबित वित्तीय भत्तो की अदायगी और समय पर पैंशन देने की मांग उठा रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी मांगो पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।


हिमाचल पथ परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि 22 अक्तूबर 2021 को सरकार के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव जे. सी. शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई थी। इस बैठक में पैंशनर्स की समस्याओं को चरण बद्ध तरीके से पूरा करने पर बात बनी थी, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने एचआरटीसी पैंशनर्स के लंबित भत्तो की अदायगी नहीं की।


संगठन के प्रधान सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया कि निगम प्रशासन और सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने सरकार को चेताया कि पेंशनरों की अनदेखी विधानसभा चुनाव में सरकार पर भारी पड़ेगी। सरकार की उपेक्षा के कारण पेंशनरों का शोषण हो रहा है और वरिष्ठ नागरिकों को आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। एचआरटीसी पर पेंशनरों की 350 करोड़ों की वित्तीय देनदारियां लंबित हैं।

मांगे नहीं मानी तो दबाएंगे नोटा
पथ परिवहन निगम सेवानिवृत कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सत्यप्रकाश शर्मा का कहना है कि अगर सरकार की ओर से उनकी मांगो को पूरा नहीं किया जाता हैं। तो इसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने पड़ सकते है। प्रदेश भर में करीब 7 हजार पैंशनर्स है। इन पैंशनरों के साथ इनके परिवार भ्री है। अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो विधानसभा चुनावों में सरकार को इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है। सभी सेवानिवृत कर्मचारी चुनावों नोटा का बटन दबाएंगे।

पेंशनरों की मुख्य मांगें

  • महीने के पहले हफ्ते में जारी हो पेंशन
  • मेडिकल बिलों का समय पर हो भुगतान
  • पांच, 10 और 15 फीसदी पेंशन वृद्धि का लाभ जारी हो
  • 2015 से ग्रेच्युटी सहित अन्य भत्तों का हो भुगतान
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