करूणामूलक संघ: अब विधायकों के घर पर धरना देंगे

बजट सत्र में सवाल न उठाने से बढ़ी नाराज़गी

प्रदेश भर के 4500 करूणामूलक अधिकारों के लिए आखिरी दांव खेलने को तैयार हैं। करूणामूलक अब तमाम विधायकों के घर पर पहुंचकर अपना विरोध दर्ज करेंगे। करूणामूलक विधानसभा में उनके हक में चर्चा न होने से भी नाराज हैं। विधानसभा में कांगड़ा के विधायक पवन काजल ने कांगड़ा के करूणामूलकों का प्रश्र सदन में रखा था। लेकिन इसका जवाब अभी तक आंकड़े जुटाने को लेकर दिया गया है। इसके बाद करूणामूलक नाराज हो गए हैं।

करूणामूलक संघ ने साफ कर दिया है कि चार मार्च को बजट में उनका जिक्र नहीं आया तो उसी दिन से विधानसभा का घेराव किया जाएगा। इसके बाद सभी करूणामूलक विधानसभा स्तर पर अभियान चलाएंगे। इसमें विधायकों के घरों का घेराव किया जाएगा। सभी विधायकों के पास पहुंचकर करूणामूलक अपनी बात रखेंगे। करूणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश में 4500 करूणामूलक हैं। इनमें से तीन हजार उनके संगठन के साथ सक्रिय तौर पर जुड़े हुए हैं।

संघ का क्रमिक अनशन महीनों से लगातार शिमला में चल रहा है। लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी आवाज नहीं सुनी है। बजट सत्र में उन्हें उम्मीद थी कि विधायक उनके पक्ष को उठाएंगे। लेकिन एकाध विधायक को छोडक़र किसी ने भी उनके पक्ष की बात नहीं की। जो सवाल उनके पक्ष में उठाए भी गए। उनमें सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं रहा है। अब उनके लिए आंदोलन को उग्र करने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया है।

बार-बार अनसुनी के बाद महाशिवरात्रि पर्व के दौरान शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज की सदबुद्धि के लिए हवन करने की तैयारी है। इसे लेकर करूणामूलकों ने योजना तैयार कर ली है। गौरतलब है कि विधानसभा सत्र में पवन काजल ने यह सवाल उठाया था। उन्होंने कांगड़ा जिला में करूणामूलक आधार पर नियुक्तियां करने के कितने मामले लंबित हैं।

इसकी जानकारी लिखित प्रश्र के माध्यम से सदन से मांगी थी। यह प्रश्र मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किया गया है। इसके जवाब में जानकारी एकत्र करने की बात सरकार की तरफ से विपक्ष के विधायक को दी गई है। इसके बाद करूणामूलक अब हरकत में आ गए हैं और उनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है।

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