मॉनसून: 2018 के बाद मॉनसून में लगातार कम बारिश, जानिए इस बार कितनी हुई बारिश

हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2018 के बाद मॉनसून सीजन में लगातार सामान्य से कम बारिश हुई हैं। इस मॉनसून सीजन में भी अब तक सामान्य से 6 प्रतिशत कम बारिश हुई हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2018 में सामान्य से 17 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी। इसके बाद लगातार सामान्य से कम बारिश हुई हैं। वर्ष 2019 में सामान्य से 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 2020 में सामान्य से 26 प्रतिशत कम बारिश हुई। वर्ष 2021 में सामान्य से 13 प्रतिशत कम बारिश हुई है और इस मॉनसून सीजन में अभी तक सामान्य से 6 प्रतिशत कम बारिश हुई हैं।


मौसम विभाग और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ो पर अगर नजर डाले तो इस मॉनसून सीजन में बारिश हालांकि सामान्य से कम ही हुई हैं, लेकिन पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा नुकसान देखने को मिला हैं। वर्ष 2018 में जहां सबसे ज्यादा 1578 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, तो वहीं इस बार मॉनसून सीजन में अब तक 1915 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका हैं, जबिक प्रदेश में मॉनसून सीजन अभी करीब 15 दिन और रहने वाला हैं।


राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मॉनसून सीजन में अब तक कुल 309 लोगों की दुर्घटनाओं में जान जा चुकी हैं। वहीं 600 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 9 लोग लापता था। 774 पशुओं की मौत हुई हैं। 1030 घरों को नुकसान पहुंचा हैं। 197 गौशालाएं और 167 दुकानों को नुकसान पहुंचा हैं।

शिमला-कुल्लू में सबसे ज्यादा बारिश
हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश शिमला-कुल्लू जिला में दर्ज की गई हैं। शिमला और कुल्लू जिला में सामान्य से 35 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई हैं। इसके अलावा बिलासपुर जिला में सामान्य से 16 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई हैं। वहीं लाहौल स्पीति में सबसे कम बारिश हुई हैं। यहां पर सामान्य से 66 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई हैं। किन्नौर-सिरमौर जिला में सामान्य से 29 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

येलो अलर्ट हटा, अब हल्की बारिश
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश को लेकर जारी किया गया येलो अलर्ट अब हट चुका हैं। ऐसे में अब प्रदेश में भारी बारिश की कोई संभावना नहीं हैं। मौसम विभाग का पूर्वानुमान हैं कि प्रदेश में कल से 9 सितंबर तक मौसम साफ रहेगा। हालांकि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश की हल्की बौछारें गिर सकती हैं। हालांकि सोमवार को भी मौसम विज्ञान केंद्र ने अनुमान जताया था कि प्रदेश के चार जिलों में भारी बारिश हो सकती हैं, लेकिन इस बार मौसम विभाग का पूर्वानुमान खाली ही रहा।

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