3 महीने से आर्युवेदिक कॉलेज पपरोला के छात्रों को स्टाईपेंड नहीं

स्टाईपेंड न मिलने से आर्युवेदिक कॉलेज पपरोला के छात्र परेशान, विभाग को जानकारी नहीं
रुका स्टाईपेंड करे जारी, स्टाई पेंड बढ़ाने की मांग भी करें पूरी


आर्युवेदिक कॉलेज पपरोला में पीजी की पढ़ाई कर रहे छात्रों को पिछले 3 महीनों से स्टाईपेंड नहीं मिला है। स्टाईपेंड न मिलने के कारण छात्रों को आर्थिक रुप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों का कहना है कि एक तो हिमाचल के छात्रों को पूरे देश में सबसे कम स्टाईपेंड दिया जाता हैं, वहीं अब पिछले 3 महीने से छात्रों को स्टाईपेंड जारी नहीं किया गया है। ऐसे में छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


आर्युवेदिक कॉलेज पपरोला में पीजी की पढ़ाई कर रहे छात्रों का कहना है कि जब वह इस बारे में कॉलेज प्रशासन से बात बात करते हैं, तो फिर उन्हें बजट के अभाव का बहाना दिया जाता है। उन्होंने मांग उठाई है कि जल्द से जल्द उन्हें 3 महीनों का स्टाइपेंड जारी करे। ताकि छात्रों को आर्थिक रूप से परेशनियों का सामना न करना पड़े।


इसके अलावा छात्रों ने सरकार से मांग उठाई है कि सरकार हिमाचल में आर्युवेदिक कॉलेज में पीजी की पढ़ाई कर रहे छात्रों का स्टाइपेंड भी बढ़ाया जाए। पपरोला कॉलेज की एससीए पीजी के अध्यक्ष डॉ विकास का कहना है कि पपरोला कॉलेज में 150 छात्र पीजी की पढ़ाई कर रहे है। इन छात्रों की पिछले करीब 20 सालों से एक ही मांग है। मांग यह है कि इनका स्टाईपेंड बढ़ाया जाए। वर्तमान में उन्हें एक महीने के 15 हजार रुपए स्टाईपेंड दिया जा रहा है। यह स्टाईपेंड पूरे देश में सबसे कम है। उनका कहना है कि आर्युवेद कॉलेज में पपरोला में भी पंजाब का कैडर लागू होता है। प्रदेश के बाकी कर्मचारियों को जब पंजाब की तर्ज पर वेतन दिया जा रहा हैं तो फिर हम लोगों को पंजाब की तर्ज पर स्टाईपेंड क्यों नहीं दिया जा रहा है। पपरोला कॉलेज के ही पीजी के छात्र अभिषेक का कहना है कि पंजाब में आर्युवेद में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों को 35 हजार स्टाईपेंड का प्रावधान हैं जबिक हमें सिर्फ 15 हजार स्टाईपेंड दिया जा रहा है। देश के अन्य कॉलेजों में मिलने वाला स्टाईपेंड हिमाचल से काफी ज्यादा है। जयपुर में 55 हजार, दिल्ली में 65 हजार, उत्तर प्रदेश में 59 हजार, उत्तराखंड में 55 हजार, केरला में 46 हजार, छत्तीसगढ़ में 53 हजार, पश्चिम बंगाल में 38 हजार और बिहार में 50,150 स्टाईपेंड पीजी के छात्रों को मिलता है हिमाचल में सिर्फ 15 हजार स्टाईपेंड ही दिया जा रहा है।

आश्वासन मिले लेकिन पूरी नहीं हुई मांग
छात्रों का कहना है कि पिछले एक साल से वह लोग 15 से 20 बार मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री तथा विधानसभा अध्यक्ष स्थानीय विधायक तथा केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलते आए है, लेकिन कोई भी सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है। छात्रों का दावा है कि इनका स्टाईपेंड बढ़ाने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। ऐसे में सरकार की ओर से आदेश करना बाकी रहा गया है। इसके बावजूद भी सरकार ने बजट में स्टाईपेंड बढ़ाने की घोषणा नहीं की। छात्रों का कहना है कि स्वास्थय मंत्री राजवी सहजल भी पपरोला कॉलेज के छात्र रहे हैं। स्वास्थय मंत्री हमारी सारी परेशानियों से अवगत हैं, लेकिन उन्होंने भी हमारी मांग को पूरा करने के लिए सरकार के समक्ष हमारी पैरवी नहीं की। उन्होंने मांग उठाई है कि सरकार उनकी मांगों पर जल्द से जल्द फैसला करे।

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