केबिनेट सब कमेटी में आउटसोर्स खत्म करने का सुझाव देंगे कर्मचारी

आउटसोर्स कर्मचारियों की पॉलिसी के लिए बनाई गई केबिनेट सब कमेटी की बैठक 28 मार्च को होने वाली है। बैठक कमेटी के अध्यक्ष जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की …

आउटसोर्स कर्मचारियों की पॉलिसी के लिए बनाई गई केबिनेट सब कमेटी की बैठक 28 मार्च को होने वाली है। बैठक कमेटी के अध्यक्ष जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में होगी। बैठक में सभी एसोसिएशन्स के कर्मचारी भाग लेंगे। इस दौरान कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी सरकार को यह सुझाव देने वाले है कि आउटसोर्स पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए। ताकि कर्मचारियों को कंपनियों व ठेकेदारों के शोषण से राहत मिल सके। कंपनियों व ठेकेदारों के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों को विभागों, निगमों व बोडो में समायोजित किया जाए। केनिबेट सब कमेटी ने करीब 32 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रदेशभर में चिन्हित किया है।

आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सभी डिपार्टमेंट, बोर्डों, निगमों में कार्य कर रहे हज़ारों आउटसोर्स कर्मचारी सालों से चल रही इस शोषणकारी नीति का शिकार हो रहे हैं। इस प्रकार की नीति से बेशक किसी भी सरकार का वित्तीय बोझ कम होता है किंतु वहीं न सिर्फ ये बोझ सीधा प्रदेश के हज़ारों युवाओं तथा उनके परिवारों पर पड़ता है और नौकरी की सुरक्षा न होने के कारण उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ का कारण भी बनता है।

हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ समय-समय पर हजारों आउटसोर्स कर्मियो की मांग तथा सुझावों को सरकार के समक्ष तथा सरकार द्वारा गठित मंत्रिमंडल की उप समिति के समक्ष रखता आया है। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति निर्धारण के तहत केबिनेट सब कमेटी का गठन हुआ है तथा इसके चलते हिमाचल प्रदेश विधान सभा में चल रहे सत्र में उप समिति के अध्यक्ष जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने स्वीकार किया है कि प्रदेश सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति लाने जा रही है। ऐसे में अब 28 मार्च को इस बारे में कर्मचारियों के साथ एक बैठक भी रखी गई है।

इसमें आउटसोर्स कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। उनका कहना है कि सरकार द्वारा गठित मंत्रिमंडल उप समिति एक तय समय सीमा के तहत बनाई जा रही नीति को लाए तथा सरकार द्वारा इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए। सरकार द्वारा लायी जाने वाली नीति में आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा लगाए गए वर्षों को नीति के तहत सम्मिलित किया जाए ताकि वर्षों से दी जा रही उनकी सेवा को सम्मान मिल सके।

मंत्रिमंडल उप समिति की गरिमा का मान रखते हुए इसके गठन के बाद विभिन्न विभागों, बोर्डो व निगमों से निकाले गए हर आउटसोर्स कर्मी को वापिस लिया जाए ताकि वर्षों से कार्य कर रहे वो सभी कर्मी, सरकार द्वारा किये गए इस अभूतपूर्व प्रयास तथा बनाई जा रही नीति से वंचित ना रहें। कोविड के लिए तैनात किये गए स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा प्रदेश हित में उनके द्वारा दी गयी सेवाओं को देखतेे हुए विभाग में उनकी नौकरी की रक्षा की जाए तथा नीति में शामिल किया जाए।

हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ तथा हमारे साथ जुड़े हर कर्मचारी को पूर्ण विश्वास है कि हिमाचल प्रदेश सरकार एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए हिमाचल के युवाओं तथा हिमाचल के सरकारी तंत्र को इस दमनकारी नीति से निजात दिलाएगी तथा सालों से अपनी सेवाएं देे रहे आउटसोर्स कर्मियों को एक स्थायी भविष्य प्रदान करेगी।

15 अप्रैल को जारी करें पॉलिसी

आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने सरकार से मांग उठाई है कि केबिनेट सब कमेटी कर्मचारियों के सुझाव लेकर जल्द से जल्द ऑउटसोर्स पॉलिसी तैयार कर जारी करे। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस के मौके पर आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी तैयार कर जारी की जाए। महासंघ अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि 28 मार्च को होने वाली बैठक में महांसघ के पांच राज्य स्तरीय पदाधिकारी, सभी जिलों के जिला अध्यक्ष व अन्य संगठनों के प्रतिनिधि बैठक में भाग लेंगे।

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