ओपीएस: सरकार से वार्ता विफल रही वार्ता, निराश लौटे कर्मचारी, हड़ताल जारी

पुरानी पैंशन की बहाली की बहाली को लेकर सरकार के साथ हुई वार्ता विफल हो गई हैं। वार्ता विफल होने के बाद एनपीएस संघ ने अब क्रमिक अनशन करने का फैसला लिया हैं। चौड़ा मैदान में हुई रैली के बीच एनपीएस कर्मचारी महासंघ के एक प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से वार्ता के लिए बुलाया गया था। वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एनपीएस संघ के पदाधिकारियों को बताया कि पुरानी पैंशन को लेकर केंद्र सरकार से मामला उठा रहे हैं। वहीं ओल्ड पैंशन की बहाली के लिए सरकार ने हाई पावर कमेटी का गठन भी किया गया हैं।


मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आश्वासन से एनपीएस कर्मचारी संघ के पदाधिकारी नाखुश थे। एनपीएस कर्मचारी संघ के पदाधिकारी और विधानसभा घेरने आए प्रदेश भर से हजार कर्मचारी इस उम्मीद में थे कि सरकार की ओर से पुरानी पैंशन की बहाली को लेकर कोई बड़ी घोषणा की जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं हैं। ऐसें में प्रदर्शन में आए हजारों कर्मचारियों को हताश होकर ही वापिस लौटना पड़ा। वहीं एनपीएस कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया हैं कि जब तक सरकार की ओर से पुरानी पैंशन को बहाल नहीं किया जाता हैं, तब तक वह राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में ही क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। एनपीएस कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि यह क्रमिक अनशन और लंबा चलेगा। जब तक पेंशन बहाल नहीं हो जाती, तब तक कर्मचारी यहां से नहीं जाएंगे।


शनिवार को शिमला के टूटीकंडी से कर्मचारियों की रैली शुरू हुई है। इसके बाद क्रॉसिंग ेसे बालूगंज होते हुए प्रदेशभर से आए कर्मचारी चौड़ा मैदान सिसल होटल के बाहर एकत्रित हो गए। प्रदेशभर से आए कर्मचारी पुरानी ढोल नगाड़ो के साथ पुरानी पैंशन की बहाली के लिए प्रदर्शन करते रहे। हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से कर्मचारियो साढ़े 12 बजे तक धरना प्रदर्शन करने के लिए अनुमति दी थी, लेकिन कर्मचारियों का प्रदर्शन शाम 4 बजे तक चलता रहा।

इस दौरान एनपीएस संघ के प्रदेश व जिला स्तर के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों को संबोधित किया। न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर का कहा कि सीएम हमारे बीच आकर न्यू पेंशन स्कीम की बहाली करें, अन्यथा सरकार को कर्मचारियों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। उनका कहना है कि जब उन्होंने पिछली बार शिमला में धरना प्रदर्शन किया था तो सरकार की ओर से उन्हें मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिला था। अब मौका है कि सरकार इस आश्वासन को पूरा करें और लाखों कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल कर तोहफा दें।

धरने में 4 हजार के करीब कर्मचारी पहुंचे
्रपुरानी पैंशन की बहाली के लिए प्रदेशभर से करीब 4 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने रैली में भाग लिया। ढोल नगाढ़ो के साथ कर्मचारी आए थे। पुरानी पैंशन की बहाली के लिए दिनभर नारेबाजी चलती रही। हालांकि रैली शांतिपूर्ण तरीके से हुई। इस दौरान कोई भी धक्का मुक्की व अन्य घटना नहीं हुई। वहीं पुलिस की ओर से भी रैली की देखते हुए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। चौड़ा मैदान से लेकर एडवांस स्टडी तक पुलिस का पहरा था।

हमारी पैंशन नहीं दी जाती तो अपनी भी छोड़ दे

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कांगड़ा के जिला अध्यक्ष राजेंद्र मिन्हास ने कहा कि अगर सरकार कर्मचारियों की पैंशन को बहाल नहीं कर सकती हैं तो फिर अपनी पैंशन छोड़ दे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को ढाई लाख रुपए की तनख्वाह लेने के बाद 90 हजार रुपए पेंशन मिलती हैं और कर्मचारियों को 30 हजार रुपए की सैलरी लेने के बाद 700 रुपए तनख्वाह मिलती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने करोड़ो रुपए खर्च कर हर मोड़ पर मोदी जयराम के होर्डिग्स लगाए हैं। अगर सरकार हमारी तनख्वाह पूरी करती हैं तो फिर कर्मचारी गले में उनके होर्डिग्स लगाकर घूमेंगे और सरकार को होर्डिग्स लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि आज तक जिस व्यक्ति ने कर्मचारियों से पंगा लिया हैं उस व्यक्ति को कर्मचारियों ने घर पर बिठाया हैं।

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