शिमला की बिगड़ी इकोलॉजी से राष्ट्रपति चिंतित

HPU एचपीयू में दीक्षांत समारोह में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिमला की बढ़ती इकोलॉजी के विषय पर चिंता जाहिर की है।

दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लंबे समय तक देश का समर केपिटल शिमला का भारतीय जनमानस के हृदय में एक विशेष स्थान है।

उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन का प्रभाव इस क्षेत्र की इकोलॉजी पर भी पड़ रहा है।ऐसी परिस्थितियों में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य है कि वह स्थानीय समुदाय की जरूरतों और विकास के लिए पर्यावरण अनुकूल समाधान विकसित करने में योगदान दें।

हिमाचल की यह धरती तप और त्याग तथा अध्यात्म और धर्म की पावन भूमि है। इस धरती ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अनगिनत वीरों को जन्म दिया है।

उन्होंने कहा कि एक अच्छा शैक्षिक संस्थान वह है जहां प्रत्येक विद्यार्थी का स्वागत किया जाता है। उसके सम्पूर्ण विकास के लिए एक सुरक्षित और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान किया जाता है।

उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की है कि विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा और हॉस्टल की सुविधाएं प्रदान की जा रही है।

महिलाओं की भागीदारी पर जताई प्रसन्नता

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। महिलाओं की उन्नति को देख कर बहुत प्रसन्नता होती है।

महिलाओं के विकास में ही देश का विकास है और देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढऩे में महिलाओं का योगदान एक अहम भूमिका निभाएगा। इस लक्ष्य के लिए सभी महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना पहला और बहुत महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने इस बात पर भी खशी जाहिर की है कि हिमाचल विश्वविद्यालय में पढ़ रहे लगभग एक लाख विद्यार्थियों में से 70 प्रतिशत लड़कियां हैं। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले लगभग 100 विद्यार्थियों में से 70 लड़कियां हैं।

आर्गेनिक फार्मिंंग से प्रभावित राष्ट्रपति

हिमाचल प्रदेश में की जा रही आर्गेनिक फार्मिंग या प्राकृतिक खेती से राष्ट्रपति काफी प्रभावित हुई है। अपने अभिभाषण में उन्होंने हिमाचल में हो रही ऑर्गेनिक फार्मिंग का जिक्र भी किया है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इस क्षेत्र का हमारे देश की कृषि, विशेष तौर पर ऑर्गेनिक में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। हिमाचल के हमारे किसान भाई-बहन ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में और तेज गति से बढ़ते हुए नए मापदंड स्थापित करें।

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