हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों से तापमान में काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी हो गई है। तापमान बढऩे से गर्मी का प्रकोप काफी ज्यादा बढ़ गया है। तापमान का बढऩा बागवानों के लिए जहां फायदेमंद साबित होगा, तो वहीं इसके नुकसान भी है। खासकर जिन बागवानों ने इस वर्ष नए पौधें लगाए हैं, उन पौधों का ज्यादा रखरखाव करने की जरूरत है। नहीं तो वह पौधें सूख भी सकते है।
बागवानी विशेषज्ञ डॉ एसपी भारद्वाज का कहना है कि इस वर्ष सर्दी के मौसम में बारिश व बर्फबारी पर्याप्त मात्रा में हुई है।
ऐसे में तापमान में के बढऩे से ज्यादा दिक्कत की बात नहीं हैं, लेकिन जिन बागवानों ने नए पौधें लगाए हैं, उन पौधों की जड़े काफी ऊपर रहती है। इन पौधों के लिए नमी कमी हो सकती हैं। इन पौधों में अगर सिंचाई की व्यवस्था हो सकती हैं, तो फिर समय समय पर सिंचाई करते हैं। सिंचाई के साथ साथ इन पौधों की मल्चिंग करना बहुत जरूरी है। मल्चिंग करने से जमीन में नमी बरकार रहेगी।
बागवान पॉलीथीन की शीट या फिर घास घास बिछाकर मल्चिंग कर सकते है। उन्होंने बागवानों बागवानों को यह सलाह भी दी है कि आजकल बागवान तौलियों में कोई छेड़छाड़ न करे। तौलियों में मल्चिंग के अलावा अन्य कार्य करने से जमीन में पर्याप्त नहीं भी बागवान खो सकते हैं। सेब के पौधों में फूल खिलने की प्रक्रिया और फिर बाद में फ्रूट के सेट होने के दौरान नमी की अहम भूमिका रहती हैं। ऐसे में नमीं को जितना बचाया जाए उतना फायदेमंद रहेगा।
10 दिन पहले शुरू होगी फूल खिलने की प्रक्रिया
बागवानी विशेषज्ञ डॉ एसपी भारद्वाज का कहना है कि इस सीजन में सेब के पौधों में फूल खिलने की प्रक्रिया 10 दिन पहले शुरू हो जाएगी। सेब के बगीचों में इन दिनों सिल्वर और ग्रीन टिप निकल आए हैं। आमतौर यह स्टेज मार्च के आखिरी सप्ताह में देखने को मिलती है। हिमाचल में सेब की फ्लावरिंग 10 से 28 अप्रैल के बीच होती है। इस बार 25 मार्च से 15 अप्रैल के बीच पूरी होने की उम्मीद है। प्रदेश के अधिकतर शहरों में तापमान सामान्य से 6 से 12 डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। इससे सेब के बगीचों में इस बार जल्दी ही सिल्वर और ग्रीन टिप निकल आएं है
एचएमओ के छिड़काव के लिए सही समय
जिन बागीचों में रेड माइट, माइट, स्केल व अन्य बीमारियां पहले से है। गर्मी बढऩे से इनके कीटों की संख्या में इजाफा हो सकता है। ऐसे में इन रोगों के कीटों की रोकथाम के लिए 196 लीटर पानी में 4 लीटर एचएमओ का छिड़काव करे। एचएमओं का छिड़काव करने के लिए आधा इंच पत्ती का निकलने पर ही करे और आजकल का समय इसके लिए उचित है।
पाउडरी मिल्डयू की दिक्कत बढ़ेगी
डॉ एसपी भारद्वाज का कहना है कि गर्मी बढऩे से आने वाले दिनों में बागीचों में पॉऊडरी मिल्डयू रोग पनपने की संभावनाएं बढ़ सकती है। गर्मी के बढऩे से हवा में नमी की मात्रा कम हो जाएगी। हवा में नमी कम होने से पाऊडरी मिल्डयू रोग का संक्रमण तेजी से फैलता है। ऐसे में आने वाले दिनों बागवानों को इस बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता है।
फ्लावरिंग में कीटनाशक के छिड़काव से बचे
गर्मी बढऩे से बागीचों में कीटों की संख्या भी बढ़ जाएगी। इनमें जंगली मक्खियां, मधु मक्ख्यिां, तितलियां व अन्य मित्र कीट पनपेंगे। इन कीटों के बढऩे से बागीचों में फूल खिलने की प्रक्रिया के दौरान पॉलीनेशन की प्रक्रिया पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में फूल खिलने की प्रक्रिया के दौरान कीटनाशकों व गंध वाली दवाओं के छिड़काव से परहेज करें। ताकि इन कीटों को नुकसान न हो।