भांग की खेती पर हिमाचल में बनेगी विधानसभा कमेटी

भांग की खेती

हिमाचल में भांग की खेती (cannabis cultivation) को वैध बनाने के लिए सरकार ने एक विधानसभा कमेटी बनाई है। यह कमेटी एक महीनें में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के बाद ही सरकार तय करेगी कि भांग की खेती (cannabis cultivation) को औद्योगिक प्रयोग के लिए वैध करना है या नहीं।

विधानसभा के बजट सत्र में वीरवार को दरंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक पूर्वचंद ठाकुर की ओर से नियम 63 के तहत लाए गए प्रस्ताव के जवाब में यह जानकारी दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भांग की पत्तियों व बीज के औघोगिक व मेडिकल प्रयोग के लिए नियम बनाया जा सकता है। सरकार इसके लिए विधानसभा कमेटी राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाएगी। इस कमेटी में सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक पूर्णचंद ठाकुर, विधायक हंसराज और विधायक जनकराज को शामिल किया जाएगा।

cannabis cultivation

उन्होंने कहा कि एनडीपीएस की धारा 10 में यह प्रावधान किया गया है कि राज्य भांग की खेती (bhang ki kheti) को वैध बनाने के लिए अपने स्तर पर नीति तैयार कर सकती है और कई राज्यों में यह नीति तैयार भी की गई है।

इससे पहले नियम 63 के तहत दरंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक पूर्ण चंद ने भांग की खेती को वैध करने के लिए प्रस्ताव लाया था। प्रस्ताव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भांग की खेती को वैध करने से प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा।

साथ उन्होंने कहा कि भांग को औद्योगिक प्रयोग के साथ साथ दवाईयों के निर्माण के लिए भी प्रयोग किया जाता है। ऐसे में अगर सरकार इस खेती को वैध करती है तो इससे जहां सरकार को आय प्राप्त होगी, तो वहीं बेरोजगार युवाओं को इसका फायदा भी मिलेगा। उन्होंने सरकार से मांग उठाई कि भांग की खेती के लिए सरकार पॉलिसी का निर्माण करे।

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कोर्ट ने भी दिए है नीति बनाने के आदेश: सुंदर ठाकुर

सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कहा कि कोई ने भी पिछली सरकार के दौरान भांग की खेती के लिए नीति बनाने को 3 अंतरिम आदेश दिए थे, लेकिन पिछली सरकार इसके लिए नीति नहीं बना पाई। लोग इस विषय का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में इसके लिए सबसे अच्छी नीति है। गुजरात नीति बना रहा है। उत्तराखंड नीति बना चुका है।

उन्होंने कहा कि भांग का कैंसर, शुगर, समेत कई दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है। इजरायल ने कोरोना काल में इससे कोरोना की दवाई बनाई है और हम इस दवाई को विदेशाों से मंगा रहे है।

Cannabis Cultivation नशे की खेती नहीं

इस चर्चा में भाग लेते हुए बंजार विधानसभा के विधायक सुरेंद्र शौरी ने भी इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भांग की खेती नशे की खेती नहीं है। इसके औद्योगिक प्रयोग है। जिस पौधों को औद्योगिक प्रयोग में लाया जाता है। उसमें बहुत नशे की मात्रा बहुत कम होती हैं। जबिक नशे के लिए प्रयोग होने वाले भांग के पौधें दूसरे हैं।

कैंसर के इजाल में प्रयोग होती है भांग: डॉ जनक

भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ जनकाराज ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि भांग का उपयोग कैंसर की कीमो थेरेपी में उपयोग होने वाली दवाओं, मिरगे के दौरे, डिप्रैशन और अल्सर जैसी बीमारियों के लिए प्रयोग होता है। भांग का साइंटिफिक नाम कैनीबीज इंडिका है। मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भांग की खेती के लिए लोगों को लाइसेंस दिया जाता है।

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भांग के तेल से ठीक हुई बेटी: हंसराज

चुराह विधानसभा क्षेत्र के विधायक हंसराज ने भी भांग की खेती को वैध करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी किसी बीमारी से जूझ रही थी, इस दौरान विशेषज्ञ व विधायक सुंदर ठाकुर ने भांग का तेल प्रयोग करने की सलाह दी। इसके प्रयोग से उनकी बेटी ठीक हो गई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भांग के औद्योगिक प्रयोग जब प्रदेश के युवाओं को फायदा होगा तो वह नशें के लिए भांग बेचने का काम बंद कर देंगे।

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