प्रदेश सरकार की अवैध खनन पर नकेल

प्रदेश में वर्तमान अवैध खनन की वजह से प्रदेश के राजस्व को भी भारी नुकसान होता है। ऐसे में अवैध खनन की गतिविधियों की जांच के लिए सदस्य विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए एक कार्यबल गठित किया है।प्रदेश सरकार अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर पूरी तरह गंभीर है। सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन रोकथाम के लिए विभिन्न स्थानों पर ‘उड़न दस्ते’ तैनात किए हैं।

वहीं बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध खनन की जांच के लिए फ्लांइग स्कॉड निरंतर छापेमारी कर रही है। साथ ही अंतरराज्यीय सीमाओं पर विभाग के अधिकारी खनन माफिया द्वारा बनाई गई अवैध सड़कों को भी बाधित करने की दिशा में कार्य कर रहे है।

रॉयल्टी की चोरी रोकने और फॉर्म डब्ल्यू एक्स के सरलीकरण के लिए इसे एम-परिवहन पोर्टल से जोड़ा जाएगा। लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि संबंधित विभागों को भी इस पोर्टल से जोड़ा जाएगा।

सरकार ने जिलों में गौण खनिजों के अवैध भंडारण एवं अनाधिकृत बिक्री के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई शुरू की है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश गौण खनिज नियम-2015 के अनुसार अवैध खनन गतिविधियों में संलिप्त दोषियों पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

ग्राम पंचायतों के प्रधानों को अवैध खनन के दुष्परिणामों और निजी भूमि पर खनन पट्टा देने की प्रक्रिया के बारे में ग्राम सामान्य भूमि (निहत और उपयोग) अधिनियम, 1974 के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।

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