सरकारी वन भूमि पर कर सकेंगे खैर के पेड़ों का कटान: सर्वोच्च न्यायालय

सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के वन विभाग के दस वन मंडलों की सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों के कटान की अनुमति प्रदान की है। इस विषय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि खैर के पेड़ों का समय से कटान न होने से अधिकांश पेड़ सड़ रहे हैं। जोकी बेहतर वन प्रबंधन की दिशा में बड़ी बाधा बना हुआ है। इसके मद्देनज़र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने मामले की पुरजोर वकालत की।

जिसके फलस्वरूप निर्णय वन विभाग के पक्ष में आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, नालागढ़ और कुटलैहड़ वन मंडलों में खैर के पेड़ों की कटान के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इन वन मंडलों में प्रति वर्ष 16500 वृक्षों का कटान निर्धारित किया गया है।

साथ ही नाहन, पांवटा साहिब, धर्मशाला, नूरपुर और देहरा पांच वन मंडलों के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए वनों का निरीक्षण करने और खैर के पेड़ों की गिनती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में प्रायोगिक के आधार पर खैर के पेड़ों की कटाई के परिणाम जानने के लिए कटाई की अनुमति प्रदान की थी।

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