प्रदेश के अपराधिक मामलों को विपक्ष ने सदन में गिनाया

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने सरकार पर पुलिस व थानों का राजनैतिकरण करने का आरोप लगाया है। विपक्ष ने सदन में पुलिस व सम्बद्ध संगठन पर कटौती प्रस्ताव लाया था। प्रस्ताव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस थानों में इज्जतदार लोग खड़ा रहता हैं और माफिया कुर्सी पर बैठता है। यह सिर्फ इसलिए हो रहा है, क्योंकि माफिया को राजैनतिक संरक्षण प्राप्त है और पुलिस को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि ऊना जिला में पुलिस के अफसर माफिया की पाटियों में शामिल हो रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार को पुलिस के लोगों का मसला हल करने की जरूरत है। सरकार कहती है कि पुलिस के कर्मचारी नियमित भर्ती होते हैं, जबिक कर्मचारी कहते हैं कि वह 8 साल बाद नियमित होते है। ऐसे में सरकार को इस विसंगति को दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को 2 साल का अनुबंधकाल घटाने की जरूरत है। अनुबंध काल की जगह प्रोबेशन पीरियड रखा जा सकता है। ऊना जिला के साथ सरकार ना इंसाफी कर रही है। ऊना जिला के सभी जवानों को बटालियन में डाल दिया जाता है। इसके अलावा पुलिस की डाइट मनी बढ़ाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार गुडिय़ा व होशियार मामलें को भुना कर सत्ता में आई हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने इन मामलों को भुला दिया है।

आज प्रदेश में रेप के मामलों की संख्या बढ़कर 1397 हो गई है। मर्डर के मामलें 346 हो गए हैं। अटैम्पट टू मर्डर 251 हो गए हैं। महिला दिवस पर महिलाओं को सशक्त करने की बात सरकार करती है कि मोलेस्टेशन के 2,040 मामले हो गए हैं। क्रूरता के 892 मामले हैं। प्रदेश में माफिया राज सिर चढ़ कर बोल रहा है। चुनावों में हारे हुए छुटभईये नेताओं के ईशारों पर पुलिस से काम करवाया जा रहा है।

इसी प्रस्ताव में बोलते हुए किन्नौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार पुलिस कर्मचारियों को दिन में सिर्फ 7 रुपए डाईट मनी दे रही है। जबिक एक अच्छी चाय की कीमत भी 15 रुपए तक हो चुकी है। ऐसे में 7 रुपए की डाईट मनी देकर पुलिस से दिन रात सेवाओं की अपेक्षा की जा रही है। वहीं पुलिस के आवासीय मकानों की हालत भी बेहद खस्ता है।

ठियोग विधानसभा क्षेत्र के विधायक राकेश सिंघा ने भी इस प्रस्ताव में भाग लिया। उन्होंने कहा कि पुलिस के जवानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इन जवानों में आक्रोश क्यों बढ़ रहा है। सरकार को इस मसले को पहले समझना होगा, फिर इस मसले का समाधान करना होगा। शिमला में सेवाएं देने वाला पुलिस जवान दिन रात काम करता है। ऐसे में पुलिस जवानों के लिए काम करने के समय भी निर्धारित हो। ताकि उन्हें कुछ आराम भी मिल सके। कटौती प्रस्ताव पर चल रही इस चर्चा का जवाब अब सोमवार को मुख्यमत्री की ओर से दिया जाएगा।

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