वेतन विसंगति नहीं, डेड केटेगरी में है कंडक्टरों की श्रेणी: परिवहन मंत्री

एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन नए वेतन आयोग में आ रही वेतन विसंगति को लेकर पिछले काफी समय से संघर्षरत्त है। वहीं इस मामलें पर शनिवार को शिमला मे पत्रकारों से बातचीत के दौरान परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि एचआरटीसी में नए वेतन आयोग की प्रेक्टिकल इंपलीमेंटशन अभी तक नहीं हुई है। ऐसे में यह कहना उचित नहीं है कि उन्हें वेतन विसंगति का सामना करना पड़ रहा है।


परिवहन मंत्री ने कहा कि कंडक्टरों की श्रेणी को पहले डेड केटेेगरी में डाल दिया गया था, इसके कारण उन्हें दिक्कतें पेश आ रही है। सरकार कंडक्टरों को दोबारा श्रेणी में लाने के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए इस मामलें को जल्द ही सर्विस कमेटी में ले जाया जाएगा। वहीं उन्होंने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को हड़ताल करने की बजाए उनसे बात करनी चाहिए। वह कर्मचारियों की बात सुनने तैयार हैं, लेकिन उन कर्मचारियों को सिर्फ हड़ताल ही करनी है।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर छठे वेतन आयोग का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है तो वह इस बारे में सरकार को विकल्प भी बता सकते हैं। उन पर गौर किया जाएगा। गौरतलब है कि वेतन विसंगतियों को लेकर एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन ने निगम मुख्यालय के बाहर बुधवार से क्रामिक भूख हड़ताल परे बैठे हैं। पहले दिन यूनियन के पांच परिचालक क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे।

इस दौरान परिचालकों ने निगम प्रबंधन व सरकार को चेताया कि जब तक परिचालकों की मांंगे पूरी नहीं होती और वेतन विसंगतियां ठीक नहीं होती यह क्रमिक भूख हड़ताल जारी रहेगी। भूख हड़़ताल पर बैठे स्टेट एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन के हिमाचल के प्रांतीय प्रधान कृष्ण चंद ने कहा कि निगम के परिचालक मजबूरन यह हड़ताल करनी पड़ रही रही है। नए वेतनमान में जहां परिचालकों को वेतन में बढ़ौतरी होनी चाहिए थी वहीं वेतन कम हो गया है। जिससे परिचालकों में रोष है।

उन्होंनें कहा कि परिचालक पिछले एक माह से आंदोलनरत हैं लेकिन सरकार ने एक बार भी वार्ता के लिए बुलाया और न विसंगतियों को ठीक करने की बात कही हैं। ऐसे में अब परिचालकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। यह आदोंलन तभी सप्तात होगाए जब मांगे पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई तक प्रदेश के सभी मंडलीय कार्यालयों में क्रमिक भूख हड़ताल का दौर जारी रहेगा। ऐसे मेेंं यदि सरकार द्वारा एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन को वार्ता के लिए नहीं बुलाया जाता हैं तो फिर एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन 22 के बाद काम छोडऩे का फैसला भी ले सकता है।


1974 के बाद पहली बार एच एचआरटीसी परिचालक हड़ताल पर गए हैं। हड़ताल पर बैठे परिचालकों ने बताया कि आज से पहले परिचालकों ने कभी हड़ताल नहीं की है। उन्होंने कहा कि 2006 में वेतनमान बराबर था। निगम ने 2006 के बाद वेतनमान मेंं धीरे धीरे विसंगतियां आना शुरू हो गई और अब यह बहुत बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इन वेतन विसंगतियों से प्रदेश के 4500 परिचालक परेशान हैं।

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