पर्यावरण को साफ रखने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से पेश किए गए बजट में कचरा प्रबंधन पर विशेष बल दिया गया है। मुख्यमंत्री की ओर से पेश किए गए बजट में यह प्रावधान किया गया है कि 8 हजार गांवों में गीला व सूखा कचरा प्रबंधन के कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बजट में घोषणा की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सूखा एवं गीला कचरा प्रबंधन के लिए प्लाजमा तकनीकी से चलने वाले प्लांट का पायलट आधार पर निर्माण किया जाएगा। प्लास्टिक सोलिड वेस्ट एंड ग्रे लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत 8 हजार गावों को लाया जाएगा। साथ ही सभी विकास खण्डों को क्रियाशील प्लास्टिक कचरा प्रबंधन से जोड़ा जाएगा।
प्रदेश में 870 ग्राम पंचायतों के प्रधानों सहित 2 हजार 510 कर्मियों को आवष्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। कृषि सिंचाई योजना के तहत लगभग 54 हजार हैक्टेयर क्षेत्र के लिए 151 करोड़ रुपये की लागत से 26 विकास खंडों में 119 जलागम विकास परियोजनायें स्वीकृत की गई हैं। इन्हें 2022-23 में आरंभ कर दिया जाएगा।
‘मनरेगा में पचंवटी योजना के तहत 28 वाटिकाओं का निर्माण किया जा चुका है तथा अन्य पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। 2022-23 में 200 अतिरिक्त वाटिकाओं व पार्कों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। ‘मनरेगा करोड़ के तहत निजी और वन भूमि में वृक्षारोपण और बागवानी स्वीकार्य कार्य हैं।
2022-23 के दौरान वन विभाग के सहयोग से मनरेगा के तहत वृक्षारोपण पर 50 करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे। धार्मिक एवम् पर्यटन स्थलों को जोडऩे वाले मार्गों पर निरन्तर आवाजाही रहती है। इन सड़कों पर यात्रियों की सुविधा के लिए शौचालयों इत्यादि सहित सहित 12 बहुउद्देषीय सुविधा केन्द्रों का कनर्वजेेंस के माध्यम से प्रथम चरण मे निर्माण किया जाएगा। छठे राज्य वित्तायोग द्वारा की गई अनुशंसा आधार पर पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिबद्ध दायित्वों के भुगतान के लिए 352 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जोकि 2021-22 से 104 रुपये अधिक है।