बसों, टैक्सियों सुरक्षित होगी महिलाएं, हिमाचल ने बनाया व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम

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पब्लिक व्हीकल की लोकेशन ट्रैक करने के लिए व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम तैयार करने कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है। मंगलवार को शिमला के पीटरहाफ से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेशवासियों के लिए राज्य परिवहन विभाग के व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन निगरानी केन्द्र का लोकार्पण किया।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोग शांतिप्रिय हैं और एक-दूसरे का सम्मान तथा कानून का पालन करते हैं, लेकिन फिर भी राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन निगरानी केन्द्र को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम 112 से जोड़ा गया है। इस प्रणाली में जब पैनिक बटन दबाया जाता है, तो सैटेलाइट के जरिए 112 पर एक सिग्नल प्राप्त होगा और संकट में फंसे व्यक्ति से सम्पर्क करने के साथ पुलिस को भी सूचित किया जाएगा।

जयराम ठाकुर ने कहा कि निर्भया की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद केंद्र सरकार ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत सार्वजनिक परिवहन वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और इमरजेंसी पैनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत स्थापित किए गए इस निगरानी केंद्र के माध्यम से वाहनों की चोरी और वाहन दुर्घटनाओं का पता लगाना आसान हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक अभिनव पहल है, जो राज्य की सड़कों को और अधिक सुरक्षित बनाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य ने इस परियोजना के कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाई है, जो प्रत्येक प्रदेशवासी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए सदैव प्रयासरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत और इस उपकरण से लैस वाहन को देश में कहीं भी ट्रैक किया जा सकता है, जो वास्तव में एक तकनीकी चमत्कार है। जय राम ठाकुर ने कहा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में इस उपकरण के माध्यम से वाहन के संबंध में त्वरित व सटीक जानकारी उपलब्ध होगी

उन्होंने कहा कि कुल्लू में हुई बस दुर्घटना के संबंध में सूचना में हुए विलम्ब के कारण बचाव अभियान में देरी हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भी विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में छठी कक्षा से सड़क सुरक्षा का एक अध्याय शामिल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस परियोजना को एक नाम दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण यातायात का मुख्य साधन सड़क परिवहन ही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की वेबसाइट का लोकार्पण किया और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन निगरानी केन्द्र से संबंधित प्रचार साहित्य और सामग्री का विमोचन भी किया।


शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने राज्य परिवहन विभाग को इस योजना को लागू करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि अभिनव पहल को कार्यान्वित कर प्रदेश, देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को प्रदूषण मुक्त परिवहन सुविधा प्रदान करने में इलेक्ट्रिक बसें सहायक सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए स्कूल बसों के संचालन के लिए सख्त दिशा-निर्देश बनाए गए हैं।


परिवहन एवं उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस अभिनव परियोजना को शुरू करने वाला देश का पहला राज्य है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य के युवा रोजगार पाने वालों की जगह रोजगार प्रदाता बनें। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति राज्य के लोगों के लिए अधिक सुरक्षित और आरामदायक परिवहन सुविधा सुनिश्चित करेगी।

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