टीकाकरण का रिकार्ड: 6 दिन में 600 बच्चों को लगे टीके

विश्व टीकाकरण सप्ताह 24 से 30 अप्रैल, 2023 तक दुनियाभर में मनाया गया। इस सप्ताह का विषय ‘दि बिग कैच-अप रहा। हिमाचल प्रदेश में भी इस सप्ताह को पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस बार इस सप्ताह को मनाने का उद्देश्य प्रत्येक पात्र शिशु तथा गर्भवती महिला को रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करना तथा टीकाकरण से छूटे हुए लाभार्थियों को कवर करना था। इन 6 दिनों के अंदर 600 बच्चों का टीकाकरण किया गया।

हिमाचल प्रदेश में इस सप्ताह के दौरान विभिन्न स्थानों पर टीकाकरण शिविर लगाए गए। तथा जागरूकता गतिविधियां भी संचालित की गईं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण की महत्ता से अवगत करवाया जा सके।

इस कार्यक्रम के तहत झुग्गियों, प्रवासी आबादी वाले क्षेत्र, श्रमिक शिविरों तथा स्थायी बस्तियों जैसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में टीकाकरण पर बल दिया गया। प्रदेश में विभिन्न टीकाकरण सत्रों के दौरान लगभग 600 बच्चों का टीकाकरण किया गया।

हर वर्ष हिमाचल में एक लाख बच्चों को लगाया जाता है टीका

प्रदेश में प्रतिवर्ष 390 स्थानों पर 44 हजार टीकाकरण सत्रों के माध्यम से लगभग एक लाख शिशुओं और 1.20 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाता है। इस वर्ष विश्व टीकाकरण सप्ताह के दौरान खसरा (मिज़ल) तथा रूबेला को समाप्त करने पर बल दिया गया।

निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी ने जानकारी देते हुए कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के तहत गर्भवती माता, शिशु के जन्म से लेकर 16 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को 11 बीमारियों के बचाव के लिए नि:शुल्क टीके लगाए गए हैं। इस कार्यक्रम में नियमित टीकाकरण, फ्रेक्शनल आईपीवी की तीसरी डोज के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई।

कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि कौन-सा टीका कहां पर और किस बीमारी को रोकने के लिए लगाया जाता है। टीकाकरण से जुड़ी भ्रांतियों को समाप्त करते हुए बताया कि टीकाकरण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इससे बच्चे बहुत सारी जानलेवा बीमारियों से बच सकते हैं।

टीकाकरण बच्चों का सुरक्षा कवच

डॉ. गोपाल बेरी ने बताया कि टीकाकरण बिल्कुल सुरक्षित है तथा बच्चों के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होती है। यह सभी टीके सभी बच्चों को नि:शुल्क सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जाते हैं। जन्म के समय बच्चों को हेपेटाइटिस बी, पोलियो, बीसीजी की खुराक जरूर दिलवानी चाहिए।

अगर बीसीजी न लगा हो तो 6 सप्ताह में टीकाकरण की खुराक के साथ जरूर लगवानी चाहिए। एक वर्ष तक बीसीजी का टीका, रोटा वायरस की पांच बूंदें, 6वें, 10वें तथा 14वें सप्ताह में ज़रूर पिलानी चाहिए। लोगों को टीकाकरण की बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है।

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