हिमाचल के एक लाख लोगों को घर बैठे मिली संजीवनी सुविधा

हिमाचल प्रदेश के एक लाख से ज्यादा लोगों को घर बैठे संजीवनी मिली है। कोविड काल में स्वास्थय विभाग की ओर से शुरू की गई संजीवनी सुविधा से प्रदेश में अब तक …

हिमाचल प्रदेश के एक लाख से ज्यादा लोगों को घर बैठे संजीवनी मिली है। कोविड काल में स्वास्थय विभाग की ओर से शुरू की गई संजीवनी सुविधा से प्रदेश में अब तक 1,08,152 ने ऑनलाइन परामर्श लिया है। वहीं 85,925 मरीज लाभान्वित हुए है। स्वास्थय विभाग ने कोविड काल में एक अप्रैल 2020 से यह कार्यक्रम शुरू किया था। तब से लेकर यह कार्यक्रम जारी है। लोगों को घर बैठे स्वास्थय परामर्श मिल रहा है।


इस कार्यक्रम के तहत आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज और नेरचौक मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ लोगों को स्वास्थय परामर्श दे रहे है। अब इस कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक स्वास्थय केंद्र और सब सेंटर के लिए चिकित्सक भी लोगों को परामर्श दे रहे है। इसके लिए बाकायदा मुख्य स्वास्थय अधिकारी और स्वाथय अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

स्वास्थय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्यक्रम आयुष्मान भारत के तहत चलाया जा रहा है। इसी कार्यक्रम के तहत 12 अन्य सेवाएं भी दी जा रही है। इनमें माृत स्वास्थय, बाल स्वास्थय, एल्डर हेल्थ, डायबटीज और हायपरटेंशन जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही है। यह दवाएं हेल्थ वेलनेस केंद्रो से दी जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत मेडिसन, गायनोकोलॉजी, साइकेट्री, पीडीएट्रिक्टस, डर्मोटोलोजी, कार्डिओ और आर्थो विभाग से संबंधित रोगों के बारे में मरीज़ो को जानकारी दी जा रही है। इस कार्यक्रम को शुरू हुए

मोबाइल फोन पर डॉक्टर दे रहे सलाह

स्वास्थ्य विभाग ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसमें मरीज को घर बैठे मोबाइल फोन पर ही सलाह मिल जाएगी। ई-संजीवनी ओपीडी को मोबाइल फोन पर शुरू किया जा रहा है। टोकन नंबर मिलने के बाद रोगी अपना नंबर आने पर चिकित्सक से बात कर सलाह ले रहे हैं। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों के दिन भी निर्धारित रहेंगे। आयुष्मान भारत में प्रदेश के पांच लाख परिवारों का बीमा हुआ है जो लोग छूट गए उनके लिए प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना शुरु की है। दोनों ही योजनाओं में कोरोना का इलाज भी शामिल है।

ऐसे मिलता है ईलाज
स्वास्थ्य विभाग का यह महत्वाकांक्षी ई-संजीवनी एप स्मार्ट फोन में डाउनलोड करना होता है। इसके बाद एप में बीमारी की संक्षिप्त जानकारी लिखकर देनी होती है। फिर संबंधित डॉक्टर समय निर्धारित करेगाए जिसकी ई-पर्ची बनकर मरीज के मोबाइल पर पहुंच जाती है। पर्ची पर निर्धारित समय पर डॉक्टर मरीज से वीडियो कांफ्रेंंसिंग के जरिए बात करते है। फिर ई-पर्ची पर ही दवा लिखकर डॉक्टर मरीज के मोबाइल पर भेज देगा।

किस जिले में कितनों को मिला लाभ

जिला परामर्श लिया लाभ मिला
बिलासपुर 9,281 7,566
चंबा 8,926 7,046
हमीरपुर 1,415 1,135
कांगड़ा 18,913 15,794
किन्नौर 765 687
कुल्लू 4,650 4,058
लाहौल स्पीति 40 30
मंडी 17,517 14,587
शिमला 12,890 9,826
सिरमौर 5,733 4,336
सोलन 27,268 20,359
ऊना 610 501

“ई संजीवनी सुविधा से प्रदेश भर के मरीज लाभ उठा रहे है। अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों को ऑनलाइन परामर्श दिया जा चुका है। वहीं 85 हजार मरीज़ो को फायदा पहुंचा है। इस सुविधा के तहत मरीज़ो को मुफ्त दवाईयां भी दी जा रही है। कोविड काल में यह सुविधा शुरू की गई थी और अभी भी जारी है।”
-हेमराज बैरवा, प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन

Total
0
Shares
Related Posts
Total
0
Share