एनएचएम में मर्ज नहीं होंगे आउटसोर्स पर रखे सीएचओ

प्रदेश सरकार द्वारा आउटसोर्स पर 758 सामुदायिक स्वास्थय केंद्रों पर सीएचओ की भर्ती की गई थी। हिंदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेड नाम की एजेंसी की ओर से इन्हें भर्ती किया गया था। इन कर्मचारियों को सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन में मर्ज नहीं किया जाएगा। यह कर्मचारी आउटसोर्स पर ही रहेंगे। यह जानकारी स्वास्थय मंत्री द्वारा अर्की विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय अवस्थी के लिखित जवाब में दी गई हैं।

संजय अवस्थी ने सवाल पूछा था कि क्या पिछले तीन वर्षो में सामुदायिक स्वास्थय अधिकारियों के 693 पद हिंदूस्तान लाइफकेयर लिमिटेड के माध्यम से भरे गए थे। क्या यह सत्य हैं कि इन सीएचओ का अनुबंध काल दिसंबर 2022 में पूरा होने जा रहा हैं। सरकार भविष्य में होने वाली भर्तियों में इन सामुदायिक स्वास्थय अधिकारियों का विलय राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन के अंतर्गत करने का विचार रखती हैं? जवाब में स्वास्थय मंत्री की ओर से बताया गया कि सरकार द्वारा पिछले तीन वर्षो में सामुदायिक स्वास्थय अधिकारियों के 758 पद हिंदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेंड एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्स पर भरे गए थे। आउटसोर्स बेसिस होने के कारण इन स्वास्थय अधिकारियों को राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन में विलय नहीं किया जा सकता हैं।


गौरतलब है कि हाल ही में सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन में अनुबंध आधार पर 880 पदों को भरने के लिए अनुमति प्रदान की गई हैं। इन पदों को भरने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन की ओर से जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाना हैं। सीएचओ की नई भर्ती अनुबंध आधार पर की जानी हैं, जबिक पुरानी भर्ती आउटसोर्स पर की गई थी। ऐसे में अगर पुराने रखे गए सीएचओ अनुबंध आधार पर एनएचएम में आना चाहते हैं तो फिर उन्हें दोबारा से परीक्षा देनी पड़ेगी, जबिक पहले हुई भर्ती के दौरान भी वहीं योग्यता एवं भर्ती प्रक्रिया अमल में लाई गई थी, जो अब लाई जाएगी।

ऐसे में इन सीएचओ का कहना है कि सरकार इन्हें भी राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन के तहत अनुबंध आधार पर नियुक्ति दे। इस बारे में यह सामुदायिक स्वास्थय अधिकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मुलाकात कर चुके हैं। इनका कहना था कि अन्य राज्यों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से हुई हैं। हिमाचल प्रदेश ऐसा राज्य है जहां पर दो भर्तियां एचएलएल कंपनी के माध्यम से की। नियुक्ति के समय सभी सीएचओ से एक लाख रुपये का बांड (बैंक गारंटी) लिया है। सेवाएं बीच में छोडऩे वालों की एक लाख रुपये की राशि वापस नहीं होगी। प्रतिनिधिमंडल में गुलशन ठाकुर, इंदु वाला, रीतल चौहान, शीतल चौहान, यामिनी मेहरा व किरण आदि शामिल रहे।

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