बढ़ रहे कोरोना के मामलें, वैक्सीन के लिए सरकार ने केंद्र को भेजा रिमाइंडर

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। कोरोना वायरस की संकमण दर 8 प्रतिशत के पार कर गई है। एक ओर जहां कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लगाने की सलाह दी जाती है, तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल में स्वास्थ्य विभाग के पास वैक्सीन का स्टॉक ही नहीं है। पुराना स्टॉक 31 मार्च को एक्सपायर हो गया था। हिमाचल सरकार ने केंद्र से कोरोना की वैक्सीन मांगी हैं, लेकिन अभी तक हिमाचल कोरोना वैक्सीन नहीं मिली है।

ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार को वैक्सीन का स्टॉक भेजने के लिए रिमाइंडर भेजा है। विभाग ने मांग की है कि इस बार लांग एक्सपायरी डेट यानि जिसका एक्सपायरी डेट लंबे समय के लिए हो, वह वैक्सीन हिमाचल को भेजी जाए।

इसमें 1 लाख कोर्बोवेक्स वैक्सीन, 60 हजार कोविशील्ड और 5 हजार को वैक्सीन मांगी गई है। ऐसे में अब केंद्र सरकार से वैक्सीन मिलने का इंतजार है।

हिमाचल में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बावजूद भी लोग अब वैक्सीन लगाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अस्पतालों में पड़ी वैक्सीन की लाखों डोज 31 मार्च तक एक्सपायर हो गई है। ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश के पास वैक्सीन का स्टॉक उपलब्ध नहीं है। इसके कारण प्रदेश के अस्पतालों में वैक्सीन की डोज नहीं लग पा रही हैं। वहीं प्रदेश में कोरोना वायरस के मामलें फिर से बढऩे लगे हैं, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का देखते हुए हिमाचल सरकार से फिर कोरोना की वैक्सीन का ऑर्डर दिया है।

वैसे तो हिमाचल सरकार ने 10 लाख डोज उपलब्ध करवाने को कहा है। अगर शार्ट एक्सपायरी वाली वैक्सीन भारत सरकार उपलब्ध करवाता हैं तो फिर 1 लाख डोज देने को कहा है। हिमाचल जहां कोरोना की पहली और दूसरी डोज में सबसे पहले शत प्रतिशत आंकड़ा हासिल करने में देश में पहले स्थान पर था तो वहीं प्रदेश में प्रीकॉशनरी डोज अभी तक सिर्फ 42 प्रतिशत ही लग पाई है।

अस्पतालों में वैक्सीन की डोज लगाने नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि 31 मार्च तक प्रदेश में वैक्सीन की प्रीकॉशनरी डोज का करीब 70 प्रतिशत स्टॉक एक्सपायर हो गया। इनमें लाखों की संख्या में प्रीकॉशनरी डोज एक्सपायर हो गई हैं।

वहीं प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थय विभाग ने सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा ले लिया है। वहीं प्रदेश अस्पतालों में कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल भी करवाई ग्ई है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भले ही कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा हो रहा हैं, लेकिन विभाग के पास स्वास्थ्य सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

मंत्री ने भी लिया मॉक ड्रिल में हिस्सा

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में इस संक्रमण से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ कर्नल धनीराम शांडिल और एनएचएम मिशन डायरेक्टर सुदेश मोक्टा ने भी मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया। मंत्री शांडिल ने कंडाघाट में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग के निदेश डा. गोपाल बैरी के साथ विजिट किया। इसी तरह सुदेश मोक्टा ने शिमला के जोनल अस्पताल रिपन में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मॉक ड्रिल को लेकर गैप की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी और इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

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