कुल्लू जिला के मनाली घूमने आए एक पर्यटक में मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि होने से हिमाचल में हड़कंप मच गया है। हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस मामले में आगामी जांच पड़ताल के निर्देश दे दिए हैं। मनाली घूमकर दिल्ली गए व्यक्ति की ट्रेसिंग करने को कहा गया है।
वहीं स्वास्थय विभाग भी इस मामलें सतर्क हो गया है। विभाग ने सभी जिलो के सीएमओ को इस बारे में सतर्क रहने को कहा है। कुल्लू जिले में मनाली घूमने आए दिल्ली के एक पर्यटक में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। पर्यटक में मंकीपॉक्स की पुष्टि होने के बाद हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। मुख्य सचिव आरडी धीमान ने इसकी पुष्टि करते हुए कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस मामले में जांच पड़ताल के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने बताया कि मनाली घूमकर दिल्ली गए व्यक्ति से मिलने वाले लोगो की ट्रेसिंग करने को कहा गया है। पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले इस व्यक्ति को करीब तीन दिन पहले मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद भर्ती कराया गया था। उसके नमूने शनिवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे भेजे गए थे जांच में वह व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है।
मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है।
बीमारी के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिये उभरता है और इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। रोग के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं। मामले गंभीर भी हो सकते हैं। हाल के समय में, मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है, लेकिन यह 10 प्रतिशत तक हो सकता है। संक्रमण के वर्तमान प्रसार के दौरान मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है।