मनाली: मंकीपॉक्स संक्रमित के साथ आए दोस्तों में संक्रमण का लक्षण नहीं

मनाली घूमने आए मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के साथ घूमने आए सभी दोस्तों में मंकी वायरस के लक्षण नहीं है। संक्रमित व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि होने के बाद दिल्ली में उसके दोस्तों की जांच भी की गई है। उसके सभी दोस्त संक्रमण रहित है। किसी भी दोस्त में मंकीपॉक्स के कोई लक्षण नहीं है। वहीं हिमाचल में संक्रमित ट्रैवलिंंग हिस्ट्री का अभी तक कोई पता नहीं लग पाया है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग जारी है।

हालांकि ऐसी सूचनाएं भी आ रही है कि संक्रमित व्यक्ति मनाली के साथ साथ शिमला घूमने आया हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने हिमाचल स्वास्थय विभाग को ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि फिर भी प्रदेश में स्वास्थय विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग का कहना है कि दिल्ली में आये मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति की प्रदेश में मौजूदगी के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय से सम्पर्क किया गया है। समुचित जानकारी मिलने पर दिशानिर्देशों के मुताबिक़ कार्यवाही की जायेगी। मंकीपॉक्स को लेकर भ्रमित अथवा भयभीत न हो, सही व तथ्याधारित जानकारी प्राप्त कर सुझाए गये मंकीपॉक्स वायरस अनुरूप व्यवहार कर संक्रमण की संभावनाओं को नियंत्रित करने का प्रयास करें। किसी भी प्रकार के उक्त लक्षण अनुभव करने पर तुरन्त चिकित्सीय परामर्श लें, ये लक्षण किसी अन्य रोग के भी हो सकते हैं , इसलिए आवश्यकता सजगता, सतर्कता व संयम बनाये रखने की है।

विभाग का कहना, चिंता की जरूरत नहीं, हवा में नहीं होता संक्रमण

हिमाचल प्रदेश में मंकीपॉक्स वायरस से निपटने के लिए उपचारात्मक एवं निवारक उपायों को अपनाने के लिए प्रदेश के समस्त जि़लों को निर्देशित किया गया है। यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि यद्यपि प्रदेश में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई भी मामला सामने नहीं आया है, फिर भी यदि कोई व्यक्ति पिछले 21 दिनों में मंकीपॉक्स के संदिग्ध अथवा ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आया हो और उसमें मंकीपॉक्स के लक्षण जैसे; तेज़ बुखार और त्वचा पर चकत्ते (चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक फैलना),सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट और सूजे हुए लिम्फ नोड (लसीका ग्रंथि) दिखाई दें तो वह तुरंत चिकित्सीय सहायता ले।

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?

यह संक्रमण प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष शारीरिक संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ, खांसने और छींकने से छूटे कण , यौन संपर्क या घावों के संपर्क में आने से, दूषित कपड़ों या प्रभावित व्यक्ति द्वारा प्रयोग की गयी वस्तुओं के छूने से यह वायरस फैल सकता है। यदि कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है तो उसे अलग कमरे में आइसोलेट किया जाना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करना चाहिए और त्वचा पर घावों को चादर या गाउन से ढंकना चाहिए। सकी जानकारी तुरंत निकटतम स्वास्थ्य संस्थान को दें। संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर, कपड़े या तौलिये जैसी दूषित सामग्री के संपर्क में आने से बचें। साबुन और पानी या अल्कोहल आधारित सैनिटाइजऱ का उपयोग करके हाथों की स्वच्छता बनाए रखें। मंकी पॉक्स वायरस कोविड की तरह हवा में नहीं फैलता है।

स्वास्थय विभाग ने सीएमओ कुल्लू शिमला को सतर्क रहने के आदेश

राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन हिमाचल प्रदेश के मिशन निदेशक हैमराज बैरवा ने बताया कि संक्रमित के शिमला में होने के बारे में केंद्र सरकार से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है। हालांकि युवक के शिमला में होने की सूचनाएं चल रही है। इसको देखते हुए शिमला और कुल्लू जिलो को निर्देश दिए गए है कि वह सतर्क रहे और कांन्टेक्ट ट्रैसिंग जारी रखे।

ट्रैवलिंग हिस्ट्री अभी भी पता नहीं, विभाग की ट्रैसिंग जारी

स्वास्थय विभाग के प्रधान सचिव सुभाशीष पंडा ने कहा कि मंकी वायरस से संक्रमित व्यक्ति की कांट्रेक्ट ट्रैसिंग ट्रैवलिंग हिस्ट्री के बारे में अभी ज्यादा पता नहीं चल पाया है। ट्रैसिंग के लिए स्वास्थय विभाग की ओर से टीमें बनाई गई है। स्वास्थय विभाग अलर्ट है। मंकी वायरस के लक्षणों को ज्यादा नजरअंदाज न करें, लेकिन ज्यादा चिंता करनी की जरूरत भी नहीं है।

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