हिमाचल में कोरोना वायरस (Corona Virus )के बढ़ते संक्रमण के बावजूद भी लोग अब वैक्सीन (Vaccine )लगाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। अस्पतालों में पड़ी वैक्सीन की लाखों डोज 31 मार्च तक एक्सपायर हो गई है। ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश ()के पास वैक्सीन का स्टॉक उपलब्ध नहीं है। इसके कारण प्रदेश के अस्पतालों में वेक्सीन की डोज नहीं लग पा रही हैं।
वहीं प्रदेश में कोरोना वायरस के मामलें फिर से बढऩे लगे हैं, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का देखते हुए हिमाचल सरकार से फिर कोरोना की वैक्सीन का आर्डर दिया है। वैसे तो हिमाचल सरकार ने 10 लाख डोज उपलब्ध करवाने को कहा हैं, लेकिन अगर शार्ट एक्सपायरी वाली वैक्सीन भारत सरकार उपलब्ध करवाता हैं तो फिर 1 लाख डोज देने को कहा है।
शॉर्ट एक्सपायरी डेट में वैक्सीन की वह डोज शामिल हैं, जिनकी एक्सपायरी डेट नजदीक है। दरअसल प्रदेश में लोग अब कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और न ही वैक्सीन की डोज लगाने में रूचि दिखा रहे हैं। हिमाचल जहां कोरोना की पहली और दूसरी डोज में सबसे पहले शत प्रतिशत आंकड़ा हासिल करने में देश में पहले स्थान पर था तो वहीं प्रदेश में प्रीकॉशनरी डोज अभी तक सिर्फ 42 प्रतिशत ही लग पाई है।
इसके कारण है कि लोग अस्पतालों में वैक्सीन की डोज लगाने नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि 31 मार्च तक प्रदेश में वैक्सीन की प्रीकॉशनरी डोज का करीब 70 प्रतिशत स्टॉक एक्सपायर हो गया। इनमें लाखों की संख्या में प्रीकॉशनरी डोज एक्सपायर हो गई हैं। प्रीकॉशनरी डोज के एक्सपायर होने के बाद हिमाचल प्रदेश स्वास्थय विभाग के पास अब वैक्सीन की डोज उपलब्ध नहीं हैं।
इसके कारण प्रदेश के किसी भी अस्पताल में अब वैक्सीन की प्रीकॉशनरी डोज नहीं लग रही है। वहीं प्रदेश के अस्पतालों में अब कोरोना वायरस के मरीज बढऩे लगे हैं। इसके साथ ही हिमाचल में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा बढक़र 4198 के पास पहुंच गया है। इस हफ्ते लगातार दूसरे दिन कोरोना से यह दूसरी मौत हुई है।
पिछले महीने मार्च में 4 लोगों की इस संक्रमण से मौत हुई है। केंद्र सरकार ने प्रदेश में कोरोना केसों में बढ़ोतरी और मौतों पर चिंता जताई है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को जिला स्तर पर रेगुलर समीक्षा करने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही अधिकारियों को केंद्र सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन को फॉलो करने को कहा गया है।
जिला स्तर पर होंगी समीक्षा बैठकें
केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रदेश में जिला स्तर पर कोविड-19 समन्वय और समीक्षा बैठकें नियमित आधार पर आयोजित की जाएगी। इस दौरान लोगों कोरोना वायरस के बारे में फिर से जागरूक किया जाएगा और प्रीकॉशनरी डोज लगाने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। साथ प्रीकशॅनरी डोज लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 5000 टेस्ट हो रहे हैं और पूरे देश में जनसंख्या के अनुसार औसत परीक्षण दर हिमाचल प्रदेश में सर्वाधिक है।