अस्पतालों में नहीं हो रहे टेस्ट, भगवान भरोसे मरीज़

प्रदेश के अस्पतालों में एसआरएल लैब के बंद होने के बाद अव्यवस्था का दौर है। अस्पतालों में टेस्ट न हो पाने के बाद मरीज़ भगवान भरोसें है। एसआरएल लैब के बंद होने के बाद टेस्ट सिस्टम फेल हो गया है। नई कंपनी करसना डायग्रोस्टिक अभी तक टेस्ट करवाने के लिए अभी तक लैब सेेटअप नहीं कर पाई है। ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


हालत यह है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों व जोनल अस्पतालों में टेस्ट करवाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती हैं, लेकिन नई कंपनी की ओर से अभी तक लैब सेटअप नहीं किए जाने के कारण इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि नई कंपनी के लैब सेटअप करने तक सरकार ने मेडिकल कॉलेजों अस्पतालों की ईमरजेंसी लैब में टेस्ट करवाने को कहा गया हैं, लेकिन लोगों की भीड़ काफी ज्यादा होने के कारण टेस्ट करवाने में लंबा समय लग रहा है।

पहले तो टेस्ट के सैंपल देने में ही पूरा पूरा दिन लग जाता हैं तो वहीं रिपोर्ट आने में 3 से 4 दिनों का समय लग रहा है।
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में सुबह से ही लोग टेस्ट करवाने के लिए परेशान होकर घूमते दिखे। निजी लैब जहां पर टेस्ट नौ साल से हो रहे थे, उसका करार खत्म होने के बाद अब दूसरी कंपनी को काम सौंप दिया गया है। कंपनी अभी इस काम को शुरू करने के लिए सेटअप तैयार कर रही है।

प्रशासन ने सरकारी लैब की व्यवस्था की थी। हालांकि अस्पताल में दोपहर एक बजे के बाद कोई टेस्ट नहीं हुए। दोपहर एक बजे के बाद मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए निजी लैब का ही रास्ता तलाशना पड़ा। महज आपात स्थिति में ही अस्पताल के भीतर टेस्ट होते रहे। सरकारी लैब में पहले दोपहर 12 बजे तक ही टेस्ट होते थे। एसआरएल लैब बंद होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने इसका समय ज्यादा कर लिया है। इस लैब में अब दोपहर एक बजे तक टेस्ट होते रहे। आइजीएमसी में अन्य जिलों से भी लोग इलाज करवाने पहुंचते हैं। मरीजों के टेस्ट समय पर न होने के कारण उन्हें दूसरे दिन अस्पताल आना पड़ रहा है। आइजीएमसी के अलावा रिपन, केएनएच से लेकर जिलाभर में मरीजों को टेस्ट के लिए भटकना पड़ा।

प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्थिति खराब

प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों व जोनल अस्पतालों में स्थिति काफी बिगड़ चुकी है। आईजीएमसी शिमला के अलावा रिपन अस्पताल, केएनएच अस्पताल, टांडा मेडिकल कॉलेज, नैरचौक मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर व नाहन अस्पताल में लोगों को टेस्ट करवाने के लिए दिक्कतें सामने आ रही है। छोटो मोटे टेस्ट करवाने के लिए भी लोगों को 3 से 4 दिन तक अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। आईजीएमसी, केनएच में तो स्थिति यह है कि 3-3 दिन भी भी लोगों की रिपोर्ट आ रही है।

सैंपल कलेक्शन सेंटर खुुलेंगे
स्वास्थय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि करसना डायग्रोस्टिक को आदेश दिए गए है कि जब तक अस्पतालों में लैब सेटअप तैयार नहीं होता हैं, तब तक सैंपल कलेक्शन सेँटर खोले जाएं। मरीज़ो के सैंपल लेकर चंढीगढ़ में स्थापित कंपनी की लैब में टेस्ट करवाए जाएं, ताकि मरीज़ो को परेशानियों का सामना न करना पड़े। आईजीएमसी शिमला सहित प्रदेश के कई अस्पतालों यह व्यवस्था शुरू हो गई है। वहीं कपंनी को यह आदेश भी दिए गए हैं कि अगले महीने तक हर हाल में सभी अस्पतालों में लैब सेटअप किया जाए।
कोट:
कंपनी से हुए करार के मुताबिक नई कंपनी को 3 महीने के अंदर टेस्टिंग की सुविधा शुरू करनी हैं, लेकिन सरकार ने कंपनी को आदेश दिए हैं कि अगले महीने तक हर हाल में टेस्ट की सुविधा शुरू करेंं, जब तक लैब सेटअप नहीं होता हैं तब तक अस्पतालों में सैंपल कलेक्शन सेंटर खोले जाए।
सुभाशीष पंडा, सचिव स्वास्थय विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार

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