URCH FHW को पांच महीने से नहीं मिला वेतन

यूआरसीएच अर्बन रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ फीमेल हेल्थ वर्करज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू का एक प्रतिनिधिमंडल सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में प्रबंध निदेशक,नेशनल हैल्थ मिशन हिमाचल प्रदेश से मिला व उन्हें एक मांग-पत्र सौंपा। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें पिछले पांच महीने का बकाया वेतन न मिला व अन्य मांगें एक सप्ताह के भीतर पूर्ण न हुई तो यूनियन आंदोलन एनएचएम कार्यालय का घेराव करेगी।


प्रतिनिधिमंडल में विजेंद्र मेहरा,बालक राम,रंजीव कुठियाला,रामप्रकाश,काम्या चौहान,मोनिका,कविता शर्मा,बिंदु,अंजू,अनीता,सपना,रीना,सरोज,ममता ठाकुर व आशा आदि शामिल रहे। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,यूनियन अध्यक्ष काम्या चौहान व महासचिव मोनिका ने कहा है कि नेशनल हैल्थ मिशन के अंतर्गत अर्बन रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ परियोजना के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मचारियों का भारी शोषण हो रहा है।

इन कर्मचारियों को अप्रैल 2022 से वेतन नहीं मिला है। इस मांग को लेकर कर्मचारी दो बार एनएचएम प्रबंध निदेशक से मिल चुके हैं परन्तु कर्मचारियों को कोई न्याय नहीं मिल रहा है। कर्मचारियों को पिछले पांच महीने से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं। वेतन न मिलने से कर्मचारियों के परिवार काफी दिक्कत में हैं। ये कर्मचारी एएनएम,जीएनएम अथवा बीएससी नर्सिंग डिप्लोमा होल्डर हैं व उच्च कुशल श्रेणी का कार्य कर रहे हैं।

ये कर्मचारी कई एनजीओ के माध्यम से पिछले कई वर्षों से यूआरसीएच के माध्यम से एनएचएम में कार्य कर रहे हैं परन्तु उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। उन्हें केंद्र व हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। इन कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट का समय पर नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है।

बारह सालों से कार्यरत इन कर्मचारियों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। उन्होंने मांग की है कि कर्मचारियों को केंद्र अथवा प्रदेश सरकार द्वारा घोषित उच्च कुशल श्रेणी का वेतन दिया जाए। इन कर्मचारियों को वर्ष 2011 से केवल मात्र 8 हज़ार रुपये वेतन दिया जा रहा है। पिछले 12 वर्षों में कर्मचारियों के वेतन में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं हुई है। इनके वेतन में बढ़ोतरी की जाए।

कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश के अलावा अर्जित, आकस्मिक, मेडिकल, त्योहार, राष्ट्रीय, प्रसूति अवकाश सहित सभी प्रकार की छुट्टियां दी जाएं। सभी कर्मचारियों को ईपीएफ सुविधा लागू की जाए। सभी कर्मचारियों को ईएसआई अथवा मेडिकल सुविधा लागू की जाए। कार्य की निरंतरता के मध्यनजर सभी कर्मचारियों को एनजीओ के बजाए एनएचएम के अंतर्गत नियुक्त किया जाए। वर्ष 2019 में की गई 400 रुपये की बढ़ोतरी में कटौती कर दी गयी है। इसे बहाल किया जाए।

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